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ट्रैवेल एजेंसी में नौकरी करने से Jet Airways के मालिक बनने तक की कहानी, कैसे- जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे नरेश गोयल?

Naresh Goyal Story: एक साधारण शुरुआत से जेट एयरवेज के मालिक बनने तक नरेश गोयल की यात्रा आंत्रप्रेन्योरशिप की भावना और दृढ़ता की एक उल्लेखनीय कहानी है.

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Jet Airways Naresh Goyal Story: नरेश गोयल के जीवन की कहानी (Naresh Goyal) महत्वाकांक्षा और आंत्रप्रेन्योरशिप का एक जीता-जागता उदाहरण है. अभी कुछ साल पहले तक नरेश गोयल सैकड़ों करोड़ रुपये में खेलते थे. लेकिन अब वे मनी लांडरिंग के केस में सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. कभी 300 रुपये के मामूली मासिक वेतन से शुरुआत करते हुए, वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए और भारत की सबसे प्रमुख एयरलाइनों में से एक, जेट एयरवेज के संस्थापक और मालिक (Jet Airways Founder and Owner) बन गए. हालांकि, उनकी यात्रा में एक नाटकीय मोड़ आ गया है. वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में फंस गए हैं, जिसके कारण उन्हें कानूनी परेशानी और जेल की की हवा खानी पड़ रही है.

आइए, यहां पर जानते हैं कि किस तरह से नरेश गोयल एक ट्रैवेल एजेंसी में नौकरी करके जेट एयरवेज के मालिक बन गए?

300 रुपये की मामूली नौकरी

नरेश गोयल का जन्म 29 जुलाई 1949 को संगरूर, पंजाब, भारत में हुआ था. उन्होंने ट्रैवल एजेंसी में कैशियर के रूप में काम करके ट्रैवल इंडस्ट्री में अपना करियर शुरू किया. उनके 300 रुपये के शुरुआती मासिक वेतन से शायद ही यह अनुमान लगाया जा सकता था कि वह बाद में इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लेंगे. गोयल का डेडिकेशन, कड़ी मेहनत और बिजनेस के गुर से जल्द ही यह साफ हो गया क्योंकि वह जीवन की यात्रा में इंडस्ट्री में शीर्ष पर पहुंच गए.

जेट एयरवेज़ की स्थापना

1993 में, नरेश गोयल ने भारत की पहली निजी एयरलाइन जेट एयरवेज (Jet Airways) की स्थापना की और इसकी पहली उड़ान शुरू की. वर्ल्ड क्लास सर्विस और समय की पाबंदी की दृष्टि से, जेट एयरवेज ने यात्रियों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल की. उत्कृष्टता के प्रति गोयल की प्रतिबद्धता ने एयरलाइन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और यह भारत की प्रमुख वाहकों में से एक बन गई.

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सफलता और उपलब्धियां

गोयल के नेतृत्व में, जेट एयरवेज ने राज्य के स्वामित्व वाली हवाई यात्रा वाहक, एयर इंडिया के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, अपने मार्गों और बेड़े का विस्तार किया. एयरलाइन ने कई उपलब्धियां हासिल कीं, जिसमें इन-फ़्लाइट मनोरंजन सिस्टम का ऑफर करने और प्रीमियम सेवाएं पेश करने वाली पहली भारतीय एयरलाइन बनना भी शामिल है. गुणवत्ता के प्रति गोयल की लगातार रीसर्च ने जेट एयरवेज को भारतीय विमानन इंडस्ट्री में एक घरेलू नाम बना दिया.

चुनौतियां और विवाद

एयरलाइन की सफलता के बावजूद, 2010 के मध्य में इसे फाइनेंशियल थपेड़ों का सामना करना पड़ा. बढ़ती ईंधन लागत, तीव्र प्रतिस्पर्धा और लोन के मुद्दों ने जेट एयरवेज को परेशान कर दिया. 2019 में, एयरलाइन ने ऑपरेशन सस्पेंड कर दिया, जिससे हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए. यह गोयल के करियर में एक बड़ा झटका था.

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप (Money Laundering Case)

2019 में, नरेश गोयल और उनकी पत्नी, अनीता मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंस गए. उन पर कई शेल कंपनियों के माध्यम से जेट एयरवेज से पैसे निकालने का आरोप लगाया गया था. भारत की फाइनेंशियल क्राइम एजेंसी एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले की जांच की, जिसके बाद दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. गोयल पर लगे आरोपों ने एक सफल आंत्रप्रेन्योर के तौर पर उनकी की छवि को धूमिल कर दिया.

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गौरतलब है कि एक साधारण शुरुआत से जेट एयरवेज के मालिक बनने तक नरेश गोयल की यात्रा आंत्रप्रेन्योरशिप की भावना और दृढ़ता की एक उल्लेखनीय कहानी है. हालांकि, एयरलाइन की फाइनेंशियल क्राइसिस और उसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों ने उनकी छवि को धूमिल कर दिया है. जबकि उनकी सफलता की ओर बढ़ना एक प्रेरणादायक कहानी है.

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