ओवर द टॉप यानी ओटीटी ऐप्स के लिए नए नियमों को लागू किया जा सकता है। साधारण शब्दों में कहें, तो ओटीटी ऐप्स को रेगुलेट किया जाएगा। इसके लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI की तरफ से कंसल्टेशन पेपर जारी किया गया था। कंसल्टेशन पेपर पर एक किसी मुद्दे को लेकर राय बनानी है। इसमें मामले में शामिल लोगों को अपनी राय देनी होती है। इसे लेकर ट्राई की तरफ से सुझाव मांगे गये थे।
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वसूलना चाहिए चार्ज
दरअसल ट्राई जानना चाहती है कि क्या ओटीटी ऐप्स को रेगुलेशन के दायरे में लाना चाहिए या फिर नहीं? टेलीकॉम कंपनी की तरफ से ओटीटी ऐप्स पर चार्ज लगाने की मांग की गई है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि बिना फीस देकर ओटीटी ऐप्स जैसे वॉट्सऐप, टेलीग्राम और नेटफ्लिक्स के इस्तेमाल को रेगुलेट करना चाहिए। मतलब वॉट्सऐप और नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी ऐप्स से चार्ज वसूलना चाहिए।
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दिए गए ये तर्क
इसके लिएसाउथ कोरिया का उदाहरण दिया जा रहा है, जहां टेलीकॉम कंपनियों ने ओटीटी ऐप्स से चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है। इसे भारत में लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि ओटीटी ऐप्स बिना किसी लागत के कमाई कर रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ टेलीकॉम कंपनियों को बडे़ पैमाने पर निवेश करके पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होता है।
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यूजर्स पर क्या होगा असर?
अगर ओटीटी ऐप्स को रेगुलेट करके उनसे चार्ज वसूला जाता है, तो हो सकता है कि ओटीटी ऐप्स की तरफ से यूजर्स से एक्स्ट्रा चार्ज किया जाए। ऐस में नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी ऐप्स के सब्सक्रिप्शी की कीमत बढञ सकती है।