केंद्र सरकार ऐसे लोगों को योजनाओं का लाभ देना बंद कर देगी जो पात्र नहीं होने के बावजूद भी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर अभियान चला रही हैं.
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नई दिल्ली. केंद्र सरकार ऐसे लोगों से 18000 करोड़ रुपये बचाने की तैयारी में है जो फर्जी तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. इनमें से कइयों को तो पहले ही लाभार्थियों की सूची से बाहर कर दिया है और कई अभी किये जाने हैं. केंद्र ने राज्य सरकार के साथ मिलकर पीएम किसान सम्मान निधि, मनरेगा और फर्टिलाइजर सब्सिडी के लाभार्थियों के वैरिफिकेशन का काम शुरू किया है. वैरिफिकेशन के दौरान सामने आये फर्जी लाभार्थियों एक बड़े हिस्से को इससे बाहर कर दिया गया है.
एक अखबार को दिए बयान में मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अलग-अलग योजनाओं से फर्जी लाभार्थियों को निकालकर सरकार इस वित्त वर्ष में सरकार कम-से-कम 18000 करोड़ रुपये बचाने में सफल होगी. अभी तक 1.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से बाहर किया जा चुका है. ये किसान अपात्र होते हुए भी किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे. अधिकारी ने बताया, “बीते 6 महीने से राज्य व केंद्र सरकार साथ में मिलकर बेनिफिशियरी लिस्ट से डुप्लीकेट और फर्जी लाभार्थियों को पीएम किसान से बाहर निकाल रहे हैं ताकि इसका लाभ सही लोगों तक पहुंच सके.” केवल पीएम किसान से ही सरकार इस वित्त वर्ष 9000 करोड़ रुपये बचा लेगी.
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क्या है पीएम किसान
पीएम किसान सम्मान निधि सरकार की किसानों के लिए शुरू की गई एक योजना है जिसमें उन्हें आर्थिक मदद दी जाती है. सरकार की ओर से किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. हर 4 महीने पर 2 रुपये की किस्तों के रूप में यह मदद दी जाती है. 2019 में इसकी शुरुआत हुई थी और अब तक किसानों को 2.40 लाख करोड़ रुपये इसके तहत बांटे जा चुके हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है.
फर्टिलाइजर सब्सिडी और मनरेगा
सरकार इन योजनाओं के जरिए भी जरूरतमंद लोगों को आर्थिक मदद देती है. सरकार सब्सिडी वाले रेट पर किसानों को यूरिया देती है. इसके लिए सरकार ने इस वित्त वर्ष में 1.74 लाख करोड़ रुपये बजट में रखे हैं. यहां धांधली को रोकने के लिए स्क्वॉड बनाई गई है.
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मनरेगा में सरकार ने करीब 33 लाख लोगों को डाटाबेस से हटा दिया है. इससे सरकार को करीब 4000 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है. इस साल बजट में मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ रुपये एलोकेट हुए हैं जो पिछले साल से 18 फीसदी कम है.