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Bank Locker में क्या रखे जाने की है मनाही, जानें- क्या कहते हैं RBI के नए नियम?

रिजर्व बैंक ने लॉकरों में रखी जाने वाली चीजों को लेकर बैंक को सख्त निर्देश दिया है. केंद्रीय बैंक ने अब यह तय कर दिया है कि बैंकों के लॉकरों में क्या रखा जाएगा और क्या नहीं रखा जाएगा?

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Bank Locker Rules Latest Update: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली मौजूदा सुरक्षित जमा लॉकर सुविधाओं के लिए समझौतों के रीन्यूअल का समय दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया है. RBI ने बैंकों को स्टांप पेपर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करके रीवाइज्ड कांट्रैक्ट्स के निष्पादन को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने की सलाह दी गई है.

RBI ने अगस्त 2021 में बैंकों से बैंकिंग और टेक्नोलॉजी के सेक्टर में कई तरह के डेवलपमेंट्स, कंज्यूमर कंप्लेट्स की प्रकृति और मिले फीडबैक के मद्देनजर 1 जनवरी, 2023 तक मौजूदा लॉकर धारकों के साथ संशोधित समझौते करने के लिए कहा था.

केंद्रीय बैंक ने रीन्यूअल की प्रॉसेस को पूरा करने के लिए बैंकों के लिए समय सीमा बढ़ाते हुए एक बयान में बताया था कि कई मामलों में, बैंकों ने अभी भी कस्टमरों को निर्धारित तिथि (1 जनवरी, 2023) से पहले ऐसा करने की आवश्यकता के बारे में सूचित नहीं किया है.

RBI ने बैंकों को कहा कि ग्राहकों के साथ होने वाले नए समझौतों में यह स्पष्ट बताया जाना चाहिए की ग्राहक लॉकर में किन चीजों को रख सकते हैं और किन चीजों को नहीं.

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RBI के मुताबिक, जरूरी डॉक्यूमेंट्स, गहने रखे जा सकते हैं जबकि कैश, हथियार, खतरनाक पदार्थ या नशीले पदार्थों को सख्त वर्जित घोषित किया जाना चाहिए.

केंद्रीय बैंक का यह आदेश लॉकर के दुरुपयोग को रोकना है. RBI के मुताबिक, इस तरह के प्रतिबंधों से लॉकर के दुरुपयोग को रोका जा सकता है.

RBI ने यह भी कहा कि बैंकों को स्टांप पेपर की व्यवस्था, समझौते का इलेक्ट्रॉनिक निष्पादन, ई-स्टांपिंग और ग्राहक को निष्पादित समझौते की एक प्रति प्रदान करने जैसे उपाय करके अपने ग्राहकों के साथ नए/पूरक स्टांप समझौतों के निष्पादन की सुविधा प्रदान करनी होगी.

RBI ने कहा कि रीवाइज्ड गाइईडलाइंस का पूरी तरह से पालन करने के लिए भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा तैयार किए गए मॉडल समझौते में रीवाइज करने की आवश्यकता है.

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एक सर्कुलर में कहा गया है कि आईबीए को मॉडल समझौते की समीक्षा और संशोधन करने के लिए अलग से सलाह दी जा रही है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह 18 अगस्त, 2021 के परिपत्र की आवश्यकताओं का अनुपालन करता है और 28 फरवरी, 2023 तक सभी बैंकों को एक संशोधित संस्करण प्रसारित करता है.

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