Shaktikanta Das: जुलाई में महंगाई दर 7.44 प्रतिशत के हाई लेवल पर पहुंच गई. महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल फरवरी से रेपो रेट में किसी प्रकार का इजाफा नहीं किया.
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Inflation Target: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति (MPC) लगातार महंगाई पर लगाम लगाने वाली होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके ऐसा होने से जुलाई में 7.44 प्रतिशत के रिकॉर्ड लेवल से महंगाई में गिरावट सुचारू रूप से जारी रही. ‘कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023’ में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्राइस स्टेबिलिटी और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी (Price Stability and Financial Stability) एक-दूसरे के पूरक हैं. आरबीआई ने दोनों को बेहतर तरीके से मैनेज करने की कोशिश की है.
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फरवरी से रेपो रेट में किसी प्रकार का इजाफा नहीं
सब्जियों और तेल की कीमत में गिरावट के बाद सितंबर में सालाना आधार पर खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5.02 फीसदी पर आ गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर बेस्ड महंगाई अगस्त में 6.83 प्रतिशत और सितंबर 2022 में 7.41 प्रतिशत थी. जुलाई में महंगाई दर 7.44 प्रतिशत के हाई लेवल पर पहुंच गई. महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल फरवरी से रेपो रेट में किसी प्रकार का इजाफा नहीं किया.
छह बार में 2.50 प्रतिशत बढ़ाया रेपो रेट
इससे पहले, पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत का इजाफा किया गया था. आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘हमने रेपो रेट पर रोक बरकरार रखी है. अब तक 2.50 फीसदी की वृद्धि वित्तीय प्रणाली के जरिये अब भी काम कर रही है….’ उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान से मौद्रिक नीति का असर तेजी से और प्रभावी रूप से दिखने लगा है.
दास ने इस बात पर भी जोर दिया कि एमपीसी हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है. इसमें आत्मसंतुष्टी होने की कोई बात नहीं है. गवर्नर ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी तीन चुनौतियों महंगाई, स्लो ग्रोथ और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम का सामना कर रही है. फाइनेंशिल सेक्टर के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय बैंक तनाव की स्थिति के दौरान भी न्यूनतम पूंजी जरूरतों को बनाए रखने में सक्षम होंगे.
दास ने कहा कि भारत वैश्विक वृद्धि का नया इंजन बनने के लिए तैयार है. मार्च 2024 में पूरे होने वाले फाइनेंशियल ईयर में देश की जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.