FTX एक समय दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म थी. एफटीएक्स एक साल पहले दिवालिया हो चुकी है.
क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म FTX के सह-संस्थापक सैम बैंकमैन फ्राइड (Sam Bankman-Fried) को मनी लॉन्डिंग (Money Laundering) के मामले में दोषी ठहराया गया है. माना जा रहा है कि बैंकमैन को दशक भर से ज्यादा समय जेल में गुजारना पड़ सकता है. FTX एक समय दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म थी. इस मामले में बैंकमैन के तीन पूर्व सहयोगी और दोस्त भी दोषी पाए गए हैं. बैंकमैन की एक्स गर्लफ्रेंड कैरोलिन एलिसन ने बैंकमैन के खिलाफ गवाही दी ताकि उसकी खुद की सजा कुछ कम हो सके. अब जल्द ही अदालत बैंकमैन को सजा सुनाएगी.
ये भी पढ़ें–कौन हैं देश के सबसे बड़े दानवीर जो हर रोज करते हैं 5.6 करोड़ रुपये Donate, जानिए यहां
न्यूयॉर्क की एक ज्यूरी ने उन्हें निवेशकों और ग्राहकों के साथ 10 अरब डॉलर की धोखाधड़ी का दोषी पाया है. बैंकमैन फ्राइड ने दावा किया कि उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की. हालांकि ज्यूरी ने इस दावे को खारिज कर दिया. बता दें कि एफटीएक्स एक साल पहले दिवालिया हो चुकी है. धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिजनेसमैन बैंकमैन को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. मामले में सुनवाई करीब एक महीने तक चली.
कौन हैं सैम बैंकमैन?
सैम बैंकमैन की बात करें तो एक समय क्रिप्टो इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों में से एक थे, लेकिन अब उनकी कंपनी FTX दिवालिया हो चुकी है. और तो और न्यूयार्क की एक ज्यूरी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे दोषी पाया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि ये घोटाला अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. ये अरबों डॉलर की योजना थी, जिसे बैंकमैन को क्रिप्टो इंडस्ट्री का किंग बनाने के लिए डिजाइन किया गया था.
ये भी पढ़ें–खरीदना है सस्ता घर, कर लें पैसे तैयार, आ रही है DDA की धांसू स्कीम, EWS फ्लैट से पेंटहाउस तक सब मिलेंगे
बैंकमैन पर क्या आरोप लगे हैं?
केस के मुताबिक, बैंकमैन ने निवेशकों और कर्जदाताओं से झूठ बोलकर FTX से अरबों डॉलर चुराए और अपनी बदहाल हो रही कंपनी को संभालने में इस पैसे को लगाया. बैंकमैन ने अपनी ट्रेडिंग फर्म अलमेडी रिसर्च के जरिए FTX के ग्राहकों के पैसे रिसीव किए और उन पैसों को अलमेडा रिसर्च के कर्जदाताओं को दिया. इन पैसों से उसने अपने नाम संपत्ति खरीदी. साथ ही पॉलिटिकल पार्टी को चंदा भी दिया. चंदा इसलिए दिया ताकि उसे राजनीतिक लाभ मिल सके. बता दें, बीते साल FTX दिवालिया हो गया.