अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हमलों के जवाब में दो अमेरिकी एफ-15 विमानों ने इस हमले को अंजाम दिया. एक युद्ध निगरानीकर्ता ने कहा कि बुधवार को पूर्वी शहर डेर एज़ोर पर हुए हमले में ईरान समर्थित समूहों से जुड़े नौ लोग मारे गए. दो हफ्ते में दूसरी बार अमेरिका ने सीरिया की किसी जगह को निशाना बनाया है.
वॉशिंगटन. अमेरिका ने बुधवार को पूर्वी सीरिया (US Attack In Syria) में हमास को समर्थन दे रहे ईरान से जुड़े हथियार भंडारण केंद्र पर हमला किया. अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हमलों के जवाब में दो अमेरिकी एफ-15 विमानों ने इस हमले को अंजाम दिया. एक युद्ध निगरानीकर्ता ने कहा कि बुधवार को पूर्वी शहर डेर एज़ोर पर हुए हमले में ईरान समर्थित समूहों से जुड़े 9 लोग मारे गए.
ये भी पढ़ें– गाजा पर इजरायल का सपोर्ट करने पर Coca Cola और Nestle की आई शामत! इस मुस्लिम देश ने गिराई गाज
लगभग दो सप्ताह में यह दूसरी बार है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने सीरिया में किसी स्थान को निशाना बनाया है, उसके अनुसार यह ईरान से जुड़ा हुआ है, जो उन समूहों का समर्थन करता है जिन्हें वॉशिंगटन मध्य पूर्व में अपनी सेनाओं पर हमलों में वृद्धि के लिए दोषी मानता है. संयुक्त राज्य अमेरिका ईरान और उसके प्रतिनिधियों को इजरायल-हमास की लड़ाई को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोकने का प्रयास कर रहा है, लेकिन प्रतिक्रिया में बार-बार होने वाले हमलों और हमलों से वॉशिंगटन और तेहरान के बीच संघर्ष का खतरा है.
ये भी पढ़ें– अब फ्रॉड केस में कोर्ट में पेश हुए डोनाल्ड ट्रंप, जज को ही खूब सुना दी खरी-खोटी, बोले- आनी चाहिए शर्म
ये भी पढ़ें– ईरान की जेल में कैद नरगिस मोहम्मदी ने शुरू की भूख हड़ताल, नोबेल शांति पुरस्कार 2023 की हैं विजेता
आत्मरक्षा के लिए किया हमला
ऑस्टिन ने एक बयान में कहा, “अमेरिकी सैन्य बलों ने पूर्वी सीरिया में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और संबद्ध समूहों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक सुविधा पर आत्मरक्षा के लिए हमला किया.” ऑस्टिन ने कहा, “यह हमला दो अमेरिकी एफ-15 द्वारा एक हथियार भंडारण सुविधा के खिलाफ किया गया था. ऑस्टिन ने कहा, “यह सटीक आत्मरक्षा हमला आईआरजीसी-कुद्स फोर्स के सहयोगियों द्वारा इराक और सीरिया में अमेरिकी लोग और उनकी सुविधाओं के खिलाफ हमलों की एक श्रृंखला का जवाब है.” बता दें कि इस्लामिक स्टेट समूह को दोबारा बढ़ने से रोकने की कोशिशों के तहत ईराक में करीब 2,500 अमेरिकी सैनिक और सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.