साल 2023 के खराब रहने के बाद अगला साल भारतीय करेंसी रुपये के लिए ठीक साबित हो सकता है. हाल-फिलहाल के कुछ सप्ताहों के दौरान ऐसे संकेत मिले हैं जो नए साल में रुपये के लिए सकारात्मक उम्मीदें जगा रहे हैं. रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट में भी अगले साल रुपये की रिकवरी की उम्मीदें व्यक्त की गई हैं.
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रुपये के लिए ऐसा रहा साल
साल 2023 की बात करें तो भारतीय करेंसी में लगातार गिरावट देखी गई है. अभी अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में आज गुरुवार को एक डॉलर के मुकाबले रुपया 83.30 के पास ट्रेड कर रहा है. साल 2023 के दौरान रुपये में 2.50 फीसदी की गिरावट आई हुई है. 2023 में ही पहली बार रुपये की वैल्यू एक डॉलर के मुकाबले 80 के भी पार निकल गई.
सबसे ज्यादा गिरी इनकी वैल्यू
सिर्फ भारतीय करेंसी ही नहीं, बल्कि लगभग सभी उभरती यानी इमर्जिंग करेंसी के लिए 2023 खराब साबित हुआ है. अन्य करेंसी की तुलना में तो रुपये की ही स्थिति काफी हद तक ठीक मालूम पड़ती है.
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अन्य उभरती करेंसी को देखें तो 2023 में तुर्की की लीरा की वैल्यू सबसे ज्यादा 52 फीसदी कम हुई है. रूस की करेंसी रूबल की वैल्यू में इस साल 27 फीसदी की गिरावट आई है.
इन संकेतों ने मजबूत की उम्मीदें
रॉयटर्स ने फॉरेक्स मार्केट के विशेषज्ञों का हाल ही में एक सर्वे किया. सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई कि 2024 में उभरती करेंसी वापसी कर सकती हैं. फेडरल रिजर्व के द्वारा पिछले सप्ताह ब्याज दरों को स्थिर रखने के बाद उभरती करेंसी ने डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखाई है. आंकड़ों से इस बात का इशारा मिल रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिका की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन ठीक नहीं रहेगा, क्योंकि वह अभी ही सुस्ती के संकेत दिखा रही है.
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ये करेंसी कर सकती हैं रिकवर
अगर ये अनुमान सही साबित होते हैं तो इनके कारण नए साल में अमेरिकी करेंसी डॉलर पर खासा दबाव दिख सकता है. साल 2023 में उभरती करेंसी की गिरावट का सबसे बड़ा कारण डॉलर का मजबूत रहना रहा है. इस कारण एनालिस्ट को उम्मीद है कि अगर डॉलर नरम होता है तो उभरती करेंसी को सीधा फायदा होगा. पोल के अनुसार, भारतीय रुपया, थाई बह्त और दक्षिण कोरियाई वॉन जैसी करेंसी 2024 के अंत तक अपने नुकसान की भरपाई कर सकती हैं.