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दुनिया

चीन के बाद अब ब्रिटेन ने दुनिया को डराया, इंसान में मिला यह खतरनाक वायरस, बड़ी महामारी का मंडराया खतरा

Swine Flu H1N1 Virus: सूअर में पाया जाने वाला स्वाइन फ्लू का सबसे खतरनाक स्ट्रेन H1N1 ब्रिटेन में पहली बार किसी इंसान में पाया गया है. स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि युवक फिलहाल स्वस्थ्य है. लेकिन ट्रेसिंग की जा रही है. ताकि यह व्यापक स्तर पर ना फैले.

लंदनः दुनिया के कई देश इन दिनों खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे हैं. एक तरफ जहां चीन में निमोनिया ने कोहराम मचा रखा है. वहीं अब स्वाइन फ्लू के एच1एन2 ने ब्रिटेन की चिंता को बढ़ा दिया है. सूअरों में मिलने वाले यह स्ट्रेन एक इंसान में पाए जाने का पहला मामला सामने आया है. यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इसकी पुष्टि की है. उत्तरी यॉर्कशायर में सांस संबंधित परेशानी होने पर युवक का टेस्ट किया गया था. इस दौरान उसके अंदर स्वाइन फ्लू स्ट्रेन एच1एन2 पाया गया.

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बता दें कि यह वायरस सूअरों में पाया जाता है. लेकिन किसी इंसान में फ्लू के इश स्ट्रेन का ब्रिटेन में यह पहला मामला है. शख्स के अंदर स्वाइन फ्लू के हल्के लक्षण थे और वह पूरी तरह से अभी ठीक है. हालांकि अभी ये नहीं पता चल पाया है कि स्वाइन फ्लू का यह स्ट्रेन कितना खतरनाक है. स्वाइन फ्लू का यह स्ट्रेन जिस व्यक्ति में मिला है, उसका सूअरों के साथ काम करने का या कोई संपर्क रहने की भी बात सामने नहीं आई है.

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वहीं यूकेएचएसए ने कहा कि इस स्ट्रेन से महामारी फैलने की संभावना पर अभी कुछ भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा. संस्था ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी लगातार संक्रमण के सोर्स का पता लगाने में जुटे हुए हैं. लेकिन अभी इसका सोर्स नहीं मिला है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में दुनिया भर में A(H1N2)v के 50 मानव मामले सामने आए हैं. यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने कहा कि मरीज को हल्की बीमारी का अनुभव हुआ था और वह पूरी तरह से ठीक हो गया है. नियमित राष्ट्रीय फ्लू निगरानी के दौरान संक्रमण का पता चला था और संक्रमण का स्रोत का पता नहीं चला.

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यूकेएचएसए में निदेशक मीरा चंद ने कहा, ‘फ्लू की नियमित निगरानी और जीनोम सीक्वेंसिंग जारी रखने की वजह से हम इस वायरस का पता लगाने में कामयाब रहे. पहली बार जब हमने यूके में मनुष्यों में इस वायरस का पता लगाया है, जो सूअरों में पाए जाने वाले वायरस के समान है. हम करीबी संपर्कों का पता लगाने और किसी भी तरह के प्रसार को कम करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं. बता दें कि साल 2009 में एच1एन1 के चलते हुई एक महामारी के कारण ब्रिटेन में 474 मौतें हुईं और दुनिया भर में वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल लग गया था.

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