अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में पैसा लगाते हैं या फिर IPO में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए बेहद जरूरी खबर सामने आई है. सेबी ने IPO में पैसा लगाने के नए नियम लागू कर दिए हैं, जिसके मुताबिक अब आपकों अपने शेयर अलॉटमेंट के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा.
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कम समय में ही शेयर आपके डीमैट खाते (Demat Account) में जुड़ जाएंगे. साथ ही IPO की लिस्टिंग के लिए भी लंबे समय का इंतजार नहीं करना होगा. आईपीओ के क्लोज होने और शेयरों के अलॉटमेंट होने के तुरंत बाद इसकी लिस्टिंग होगी.
दरअसल, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अगस्त के दौरान यह ऐलान किया था कि वह आईपीओ की लिस्टिंग डेडलाइन को मौजूदा 6 दिनों (T+6) से घटाकर 3 दिन (T+3) कर देगा. सेबी ने इसे 1 सितंबर से स्वैच्छिक तौर पर लागू किया था, लेकिन अब 1 दिसंबर 2023 से यह नियम सभी के लिए अनिवार्य कर दिया है. इसका मतलब है कि अब जितनी भी कंपनियों का आईपीओ आएगा, वह सब्सक्राइब होने के बाद तीन दिन में लिस्ट हो जाएंगी. सेबी के इस कदम से निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी.
कम समय में ही मिल जाएंगे शेयर
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सेबी के मुताबिक, निवेशकों को इसका लाभ मिलेगा और उन्हें कम समय में ही शेयर मिल जाएंगे. साथ ही जिन लोगों को शेयर नहीं मिलेगा, उन्हें रिफंड जल्द मिल जाएगा. इससे पहले किसी आईपीओ में पैसा लगाकर लोगों को लंबे समय का इंतजार करना पड़ता था. छह दिनों के इंतजार के बाद शेयरों की लिस्टिंग होती थी और शेयर अलॉटलमेंट या रिफंड के लिए चार दिन तक का समय लगता था.
दो स्टेप में लागू हुआ ये नियम
बाजार नियामक की बोर्ड बैठक में कहा गया था कि T+3 दिनों की संशोधित समयसीमा दो चरणों में लागू की जाएगी. एक सितंबर 2023 को या उसके बाद सभी आईपीओ के लिए स्वैच्छिक तौर पर टी 3 नियम लागू होगा. इसके साथ 1 दिसंबर 2023 को या उसके बाद सभी के लिए यह नियम अनिवार्य तौर पर लागू कर दिया जाएगा.
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सेबी ने नियम को लेकर क्या कहा
सेबी ने का कि यह कदम एंकर निवेशकों, रजिस्ट्रार, ट्रांसफर एजेंटों, ब्रोकर, बैंकों समेत सभी के साथ परामर्श करके उठाया गया है और टेस्टिंग के इसे सही होने की पुष्टि की गई है. सेबी ने कहा कि इस कदम से यह तय होगा कि बैंकों, स्टॉक एक्सचेंजों, ब्रोकरों जैसों के संसाधनों को कम अवधि के लिए तैनात किया जाएगा.
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