Flair Writing IPO- फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्रीज राइटिंग और क्रिएटिव इंस्ट्रूमेंट्स सेगमेंट में काम करती है. कंपनी की आमदनी सालाना आधार पर 14 फीसदी की दर से बढ़ी.
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Flair Writing Share : पेन बनानी वाली कंपनी फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्रीज के आईपीओ को लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया था. इस इश्यू ने निवेशकों को भी निराश नहीं किया और करीब 65 फीसदी प्रीमियम पर कंपनी के शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुए. कंपनी के आईपीओ में इश्यू प्राइस 304 रुपये था. फ्लेयर राइटिंग के शेयर 501 रुपये पर लिस्ट हुए. इस तरह इश्यू प्राइस 304 रुपये के सामने ये सीधा 199 रुपये प्रति शेयर का लिस्टिंग गेन था. हालांकि, लिस्टिंग के बाद इस शेयर में मुनाफावसूली देखी गई और यह शेयर 452.70 रुपये पर बंद हुआ.
फ्लेयर राइटिंग के आईपीओ को रिटेल इंवेस्टर्स का अच्छा मुनाफा मिला था और ये 47 गुणा सब्सक्राइब होकर बंद हुआ था. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की कैटेगरी को सबसे ज्यादा 122 गुना सब्सक्राइब किया गया था जबकि रिटेल इन्वेस्टर्स ने इस आईपीओ को 13.73 गुना सब्सक्राइब किया था.
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अब आप सोच रहे होंगे कि जब आजकल सब कुछ डिजिटल हो रहा है तो आख़िर कोई ऐसी कंपनी में निवेश क्यों करेगा जो पेन और पेंसिल बनाती हो. स्कूलों में टैबलेट का प्रचलन बढ़ रहा है. किसी कॉन्फ़्रेंस में नोट्स लेने के लिए अधिकतर लोग ऐप का इस्तेमाल करते हैं. यहां तक कि अधिकतर आधिकारिक दस्तावेजों को भी केवल ई-साइन की जरूरत होती है.
इन आंकड़ों ने बनाया दुलारा?
फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्रीज राइटिंग और क्रिएटिव इंस्ट्रूमेंट्स सेगमेंट में काम करती है. वित्त वर्ष 2023 में इस इंडस्ट्री का आकार करीब 10 हजार करोड़ रुपये का था. फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्री ने अपनी इंडस्ट्री के मुकाबले लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है. बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, प्रोडक्ट्स की भरपूर रेंज और प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले फ्लेयर राइटिंग के एबिट्डा मार्जिन, रिटर्न ऑन इक्विटी और रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड के आंकड़े बहुत अच्छे हैं.
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वित्त वर्ष 2017 से 2023 के बीच कंपनी की आमदनी सालाना आधार पर 14 फीसदी की दर से बढ़ी. वहीं, इंडस्ट्री का ग्रोथ 5.5 फीसदी रहा. पेन मार्केट में फ्लेयर राइटिंग की हिस्सेदारी 18 फीसदी है. ओवरऑल राइटिंग और क्रिएटिव सेगमेंट में इसका हिस्सा 9 फीसदी है. वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 130 करोड़ यूनिट पेन बेचे.
क्या लौट रहा है पेन-पेंसिल का दौर?
दुनिया में डिजिटल के शोर के बीच अब फिर से हाथ से लिखने की अहमियत का प्रचार कुछ लोग कर रहे हैं. रिसर्चर भी यह साबित करने में लगे हैं कि लिखने से तार्किक शक्ति के साथ ही याददाश्त भी बढ़ती है. स्वीडन जैसे देश तो स्कूलों में गैजेट्स की बजाय ब्लैकबोर्ड और पेन-पेंसिल को ज्यादा तव्वजो दे रहे हैं.