ओडिशा के बालासोर जिले में एक शख्स अपने अंतिम पलों में भी इंसानियत की मिसाल पेश कर गया। बालासोर जिले में एक ड्राइवर को बस चलाते समय हार्ट अटैक पड़ा था। जैसे ही उसे इसका एहसास हुआ उसने तुरंत ही बस को रोक दिया। बस में लगभग 60 लोग सवार थे ड्राइवर की सूझबूझ से उनकी जान बच गई लेकिन उसकी मौत हो गई।
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पीटीआई, बालासोर (ओडिशा)। जहां लोग जीते जी इंसानियत का कर्तव्य नहीं निभाते, वहीं ओडिशा के बालासोर जिले में एक शख्स अपने अंतिम पलों में भी इंसानियत की मिसाल पेश कर गया।
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मौत की दस्तक के बावजूद शख्स अपना फर्ज नहीं भूला। बस चलाते समय ड्राइवर को दिल का दौरा पड़ा, लेकिन वह अपने आखिरी समय में भी 60 लोगों की जिंदगी को बचा गया।
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बस में 60 यात्री थे सवार
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ओडिशा के बालासोर जिले में एक ड्राइवर को बस चलाते समय हार्ट अटैक पड़ा था। जैसे ही उसे इसका एहसास हुआ, उसने तुरंत ही बस को रोक दिया। बस में लगभग 60 लोग सवार थे, ड्राइवर की सूझबूझ से उनकी जान बच गई, लेकिन उसकी मौत हो गई।
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पर्यटकों को लेकर पंचलिंगेश्वर मंदिर जा रही थी बस
दर्द महसूस होते ही रोक दी थी बस
अधिकारी ने बताया कि दर्द महसूस होते ही ड्राइवर ने बस को सड़क के किनारे रोक दिया और उसके बाद वह बेहोश हो गया। जिसके बाद यात्रियों ने तुरंत स्थानीय लोगों को बुलाया। इसके बाद ड्राइवर शेख अख्तर को नीलगिरि उपमंडलीय अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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अचानक बीमार हो गया था ड्राइवर
यात्री अमित दास ने बताया कि ड्राइवर अचानक बीमार हो गया था और उसने तुरंत ही बस रोक दी थी। स्थानीय लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने ड्राइवर को मृत घोषित कर दिया।