All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

ITR Filing: FY23-24 के लिए सभी ITR फॉर्म किए गए नोटिफाई, यहां जानें-कौन सा आपके लिए है?

ITR Filing: CBDT ने FY23-24 के लिए सभी ITR फॉर्म जारी कर दिया है. अलग-अलग मकसद के लिए ये फॉर्म अलग-अलग तरह के भरने पड़ते हैं, जिसके बाद ITR फाइलिंग कंप्लीट होती है.

ये भी पढ़ें:- मुन्नार और अलेप्पी की हसीन वादियों का करना है दीदार, IRCTC के केरल टूर में कराएं बुकिंग, इतना है किराया

Income Tax Return Filing Form News: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (AY2024-25) के लिए आधिकारिक तौर पर इनकमकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर दिए हैं. नए फॉर्म, ITR फॉर्म 1 से 6, 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगे, जो अपने साथ कई बदलाव और कई प्रकार की जरूरतों को पूरा करेंगे.

अलग-अलग ITR फॉर्म स्पेशल मकसद को पूरा करते हैं, और टैक्सपेयर्स को जटिलताओं से बचने के लिए सावधानीपूर्वक उचित फॉर्म का चयन करना पड़ता है.

ITR फाइल करते समय हर ITR फॉर्म का मकसद अलग-अलग होता है:

ITR-1 (SAHAJ)

यह फॉर्म ऐसे निवासी व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुल इनकम 50 लाख तक है, जिसमें वेतन, एक गृह संपत्ति और अन्य स्रोतों से इनकम शामिल होती है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यदि किसी अन्य व्यक्ति (पति/पत्नी, नाबालिग बच्चे, आदि) की इनकम को टैक्सपेयर की इनकम के साथ जोड़ा जाना है, तो ITR 1 में रिटर्न तभी फाइल किया जा सकता है, जब ऐसी इनकम इन कैटेगरीज में से किसी में आती हो.

हालांकि, यदि टैक्स ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर काटा गया है और निर्धारिती इसके क्रेडिट के लिए क्लेम करना चाहता है, तो वह ITR-1 में रिटर्न दाखिल नहीं कर सकता है.

ITR-2

बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम के बिना व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), जो ITR फॉर्म -1 (SAHAJ) के लिए पात्र नहीं हैं, इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ITR-2 का इस्तेमाल उन व्यक्तियों या HUF द्वारा नहीं किया जा सकता है जिनकी सालाना इनकम में बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम शामिल है.

ये भी पढ़ें:- Indian Coast Guard recruitment 2024: इंडियन कोस्ट गार्ड में 22 साल तक के 12वीं पास के लिए निकलीं नौकरी, कल से करें अप्लाई

इसके अतिरिक्त, किसी पार्टनरशिप फर्म से ब्याज, वेतन, बोनस, कमीशन या पारिश्रमिक की प्रकृति वाली इनकम वाले व्यक्ति इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक ITR-2 दाखिल करने के पात्र नहीं हैं.

ITR-3

ITR-3 खास तौर पर बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वाले व्यक्तियों या HUF के लिए तैयार किया गया है.

इस फॉर्म का इस्तेमाल उन लोगों द्वारा किया जाना चाहिए जिनकी इनकम ‘बिजनेस या प्रोफेशन के लाभ के तहत किसी पार्टनरशिप फर्म से ब्याज, वेतन, बोनस, कमीशन या पारिश्रमिक जैसे तत्व शामिल हैं.

ITR-4 (SUGAM)

ITR-4, जिसे सुगम (SUGAM) के नाम से भी जाना जाता है, व्यक्तियों, HUF और फर्मों (LLP के अलावा) के लिए उपलब्ध है, जिनकी कुल इनकम 50 लाख तक है और बिजनेस और प्रोफेशन से होने वाली इनकम शामिल है, जिसकी कैलकुलेशन इनकम टैक्स एक्ट की धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत की जाती है.

ITR-5

यह फॉर्म व्यक्तियों, HUF और कंपनियों, जैसे पार्टनरशिप फर्मों और एलएलपी के अलावा अन्य संस्थाओं पर लागू होता है.

एलएलपी या सीमित देयता भागीदारी एक पार्टनरशिप है जिसमें कुछ या सभी भागीदारों की सीमित देनदारियां होती हैं.

ITR-6

कंपनी एक्ट 2013 या पूर्ववर्ती कंपनी एक्ट 1956 के तहत रजिस्टर्ड सभी कंपनियों को ITR-6 फॉर्म फाइल करना चाहिए.

हालांकि, यदि कंपनी की इनकम का स्रोत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए रखी गई संपत्ति से आता है, तो ITR-6 फॉर्म दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है.

फाइलिंग में आसानी को बेहतर बनाने के लिए बदलाव शामिल किए गए.

ये भी पढ़ें:- PAN Aadhaar linking: सरकार का भरा खजाना, पैन-आधार लिंकिंग में देरी पर वसूला 600 करोड़ रुपये का जुर्माना

गौरतलब है कि ITR में बदलाव का मकसद टैक्सपेयर्स को सुविधा प्रदान करना और फाइल करने में आसानी को बढ़ाना है, जो मुख्य रूप से फाइनेंस एक्ट, 2023 के माध्यम से पेश किए गए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में संशोधन से प्रेरित है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top