स्नातक कक्षाओं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए इस सत्र से एक नया रूल लागू किया जा सकता है। इसके तहत अब स्टूडेंट्स को किसी विषय में फेल होने पर भी अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। यह प्रवेश 5 एटीकेटी तक लागू रहेगा। अगर स्टूडेंट्स 5 एटीकेटी तक भी एग्जाम पास नहीं कर पाता है तब उसे फिर इसी कक्षा में दोबारा पढ़ना पड़ेगा।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। अंडर ग्रेजुएट कर रहे स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण खबर है। नई शिक्षा नीति के तहत अब यूजी में अध्ययनरत ऐसे छात्र जो किसी विषय में फेल हो जाते हैं उन्हें भी अगली कक्षा में प्रवेश दिया जायेगा। इसके अनुसार पूरक की पात्रता होने के बाद अगर छात्र उस परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण रहता है तो भी उसे अगली कक्षा में प्रवेश प्रदान कर दिया जाएगा।
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यह व्यवस्था अगले सत्र से लागू किये जाने की तैयारी है। इसके बाद अब स्टूडेंट्स का पूरक परीक्षा में फेल होने पर भी जीरो इयर नहीं नहीं माना जाएगा। यह व्यवस्था वर्तमान में तकनीकी कोर्स के साथ ही सेमेस्टर कोर्सेज पर भी लागू की जाएगी। इसके अंतर्गत स्टूडेंट्स अपनी नयी कक्षा के साथ ही पिछली कक्षा की परीक्षा भी दे सकेंगे और उसे उत्तीर्ण कर सकेंगे।
5 एटीकेटी से अधिक तो अगली कक्षा में नहीं मिलेगा प्रवेश
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आपको बता दें कि अभ्यर्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश तभी तक मिलेगा जब 5 एटीकेटी (Allowed to Keep Term) से ज्यादा न हो। इसके तहत अगर किसी स्टूडेंट को 5 एटीकेटी से अधिक मिल चुकी हैं तो उसे उसी कक्षा में पढ़ना होगा। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि स्टूडेंट्स पढ़ाई करें, नहीं तो उन्हें हर बार बिना किसी तैयारी के अगली कक्षा में प्रवेश प्राप्त होता रहेगा।
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इस वजह से नए निमय को लागू करने की पड़ी जरूरत
इस नियम को अध्यादेश 14A, 14B में संशोधन के लिए बनाई गयी समिति के सदस्य डॉ. प्रज्ञेश अग्रवाल की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अब एनईपी के तहत हो रही पढ़ाई को बताया गया है। किसी भी छात्र को पढ़ाई बोझ न लगे और अधिक से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई करें इसी को मद्देनजर इस नियम को लागू किया जा रहा है। लेकिन इसके लिए भी छात्रों के लिए मियाद तय की जाएगी कि छात्र को कितने वर्ष में डिग्री हासिल करनी होगी।