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खुशखबरी: गाय, बकरी, भैंस, खच्चर, गधा, ऊंट और घोड़े जैसे जानवरों के लिए बनेगा यहां ‘चारा बैंक’, जानें इसके फायदे…

Chara Bank Benefits : देश में पशुओं को श्रेष्ठ और गुणवत्ता वाला आहार देने के लिए मोदी सरकार ‘चारा बैंक’ बनाने जा रही है. गाय, भैंस, बकरी, खच्चर, गधा, ऊंट और घोड़े जैसे कई जानवरों की आबादी के हिसाब से चारा बैंक बनाया जाएगा. पिछले दिनों ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी मंजूरी मिली है.

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Chara Bank Benefits : देश में पशुओं को श्रेष्ठ और गुणवत्ता वाला आहार देने के लिए मोदी सरकार ‘चारा बैंक’ बनाने जा रही है. गाय, भैंस, बकरी, खच्चर, गधा, ऊंट और घोड़े जैसे कई जानवरों की आबादी के हिसाब से चारा बैंक बनाया जाएगा. पिछले दिनों ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी मंजूरी मिली है. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्त रुपाला ने बुधवार को बताया कि पीएम मोदी ने पशुधन आबादी की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश की चार दिशाओं में चारा बैंक बनाने को कहा. आने वाले दिनों में देश में श्वेत क्रांति लाने के लिए चारा बैंक बनाए जाएंगे.

पुरुषोत्तम रुपाला ने बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित चारा संगोष्ठी में इस बात की जानकारी दी. रुपाला ने बताया कि पीएम मोदी ने कहा है कि देश में लॉजिस्टिक सुविधाओं के साथ-साथ चारा बैंक की देश में वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाना चाहिए. ऐसे में बहुत जल्द पशुधन के बारे में एक नई नीति लाई जाएगी.

चारा बैंक बनने से किसानों को होंगे कई सारे फायदे
बता दें कि मोदी सरकार किसानों के लिए पशुधन को आने वाले दिनों में आय का जरिया बनाने जा रही है. इसके लिए पशुओं के चारा के बारे में भी सोचना चाहिए और उनको गुणवत्तापूर्ण चारा देना चाहिए. इसमें निजी भागीदारी के साथ-साथ विदेशी तकनीक इस्तेमाल करने की जरूरत है. इसलिए देश में चार चारा बैंक स्थापित करने का प्लान तैयार कर लिया गया है.

क्या है सरकार का प्लान
मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी सचिव अलका उपाध्याय के मुताबिक, श्वेत क्रांति के माध्यम से भारत को दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश बनाने के लिए और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में वृद् के लिए पशुओं के पौष्टिक चारा की देने की जरूरत है. हालांकि, भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में सबसे ऊपर है, लेकिन प्रति पशु उत्पादकता बराबर नहीं है और पशु पोषण महत्वपूर्ण कारकों में से एक है. नस्ल सुधार कार्यक्रम और स्थानीय और स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और ब्रीडर फार्मों, न्यूक्लियस फार्मों, आईवीएफ और सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक को तेजी से बढ़ावा देने को प्रोत्साहित करते हुए नस्ल सुधार की दिशा में विभाग काम कर रहा है.’

कुलमिलाकर आने वाले दिनों में पशुओं में होने वाले रोगों से निपटने के लिए भी तैयारी की जा रही है. इसके लिए टीकाकरण जैसे विभिन्न उपाय शउरू किए गए हैं.

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देश में चारे की खेती में वृद्धि करके चारे की उपलब्धता और उत्पादन में बढ़ोत्तरी की भी मोदी सरकार पहल शुरू कर दी है. चारे की कमी की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन’ नामक एक योजना की शुरुआत कर रही है.

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