All for Joomla All for Webmasters
समाचार

ग्राहक का CIBIL नहीं अपडेट करने की वजह से कंज्यूमर कोर्ट ने इस बैंक पर लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना, जानें- क्या था पूरा मामला?

Consumer Court Decision On CIBIL Score: बेंगलुरु की एक कंज्यूमर कोर्ट स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने यह फैसला ग्राहक का सिबिल स्कोर सही तरीके अपडेट नहीं करने को लेकर लगाया है.

ये भी पढ़ें– अब CBI के फेरे में सपा मुखिया अखिलेश यादव, पूछताछ के लिए बुलाया गया, जानें क्या है पूरा मामला 

Consumer Court Decision: बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और उसके असाइनी, शाहा फिनलीज को एक कारोबारी को उसके क्रेडिट कार्ड खाते के बंद होने के बाद उसके CIBIL स्कोर को अपडेट नहीं करने पर मुआवजे के तौर पर 1 लाख का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.

बेंगलुरु के अतिरिक्त उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने दोनों कंपनियों को उन्हें 3,000 रुपये की मुकदमे में आए खर्च का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है.

शिकायतकर्ता वीवी वेंकटेश बाबू ने 2010 में अपना क्रेडिट कार्ड सरेंडर कर दिया था, लेकिन बैंक ने कथित तौर पर अलग-अलग चार्जेज के लिए उन्हें परेशान करना जारी रखा. उसी के बाद, वेंकटेश बाबू ने दावा किए गए बकाया के पूर्ण और फाइनल सेटिलमेंट के लिए 15,500 रुपये का भुगतान करके खाता बंद करने के लिए कहा.

कथित तौर पर, शिकायतकर्ता ने राशि का भुगतान किया और कोई बैलेंस रकम नहीं होने के लिए कन्फर्मेशन भी प्राप्त किया. बैंक ने वेंकटेश का नाम CIBIL रिकॉर्ड से हटा दिया और इसे शाहा फिनलीज के साथ अपडेट कर दिया.

ये भी पढ़ें– Pankaj Udhas Daughter: नहीं थम रहे पंकज उधास की बेटी के आंसू, रोती-बिलखती लाडली को देख फट पड़ेगा कलेजा

हालांकि, शिकायतकर्ता को बाद में पता चला कि बैंकों की ओर से CIBIL रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया गया था और उन्होंने उसे देनदार के रूप में बताना जारी रखा. असाइनी ने नो-ड्यूज़ सर्टिफिकेट जारी करने और CIBIL रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए 20,491 रुपये की धनराशि की भी मांग की.

स्थिति को देखते हुए, वेंकटेश मामले को कंज्यूमर कोर्ट में ले गए और प्रदान की गई दोषपूर्ण सेवाओं के खिलाफ क्षतिपूर्ति की मांग की. जबकि बैंक ने मामले में उपस्थित होने पर विचार नहीं किया, लेकिन असाइनी शाहा फिनलीज ने इसका जिक्र किया कि शिकायत समय पर नहीं की गई थी और वेंकटेश ने इस घटना के 8 साल बाद उससे संपर्क किया था.

तर्कों और रिकॉर्ड पर विचार करते हुए, सदस्य के रूप में ज्योति एन और शरावती एसएम के साथ अध्यक्ष बी नारायणप्पा के कोरम ने पाया कि नियुक्त व्यक्ति ने 2020 और 2022 में वेंकटेश को कानूनी नोटिस जारी किया था. नोटिस का मकसद यह सूचित करना था कि बैलेंस रकम बकाया थी. उनके नाम पर 20 लाख और 33 लाख से अधिक का बकाया है.

वेंकटेश की देनदार के रूप में अपना नाम हटाने की याचिका के समय, शाहा फिनलीज़ ने CIBIL रिकॉर्ड से उनका नाम हटाने के एवज में 20,491 रुपये की मांग की.

ये भी पढ़ें– Samsung यूजर्स को जल्द मिलेगी Artificial Intelligence पर बेस्ड 6G नेटवर्क की सुविधा, ये है कंपनी का फ्यूचर प्लान

बार और बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, वकील अभिषेक एमआर ने मामले में शिकायतकर्ता वेंकटेश का प्रतिनिधित्व किया, जबकि वकील संतोष कुमार एमबी ने शाहा फिनलीज की ओर से पेश हुए.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top