हालिया सालों में भारत में एनआरआई के निवेश में तेजी आई है. एनआरआई इस तरह देश के आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रहे हैं.
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भारत सरकार ने ऐसे निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं व पहलें शुरू की हैं, जिन्हें खास तौर पर एनआरआई को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इनमें एनआरआई पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम यानी एनआरआई पीआईएस, एनआरआई बॉन्ड आदि प्रमुख हैं.
एनआरआई पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम यानी एनआरआई पीआईएस
एनआरआई पीआईएस उन प्राथमिक उपायों में एक है, जिनके जरिए एक एनआरआई इंडियन इक्विटीज या डेट में निवेश कर सकता है. इस स्कीम की शुरुआत आरबीआई ने की है, जो एनआरआई को डेजिग्नेटेड बैंक ब्रांच के माध्यम से भारतीय शेयरों व बॉन्ड में निवेश करने की सुविधा देता है. इस स्कीम के तहत एनआरई प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों तरह के मार्केट में निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम से न सिर्फ भारत के वित्तीय बाजार में एनआरआई की भागीदारी बढ़ती है, बल्कि पूंजी के प्रवाह और तरलता को भी बढ़ावा मिलता है.
भारत सरकार के एनआरआई बॉन्ड
भारत सरकार एनआरआई बॉन्ड जारी करती है, जो अनिवासी भारतीयों को भारत में निवेश करने का एक अन्य बढ़िया विकल्प मुहैया कराता है.
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इन्हें रिसर्जेंट इंडिया बॉन्ड या इंडिया मिलेनियम डिपॉजिट भी कहा जाता है. इन्हें विदेशी मुद्रा में डिनॉमिनेट किया जाता है और आकर्षक ब्याज दर ऑफर किए जाते हैं. एनआरआई इन बॉन्ड के माध्यम से भारत की विभिन्न विकास परियोजनाओं में निवेश कर सकते हैं और अपने इन्वेस्टमेंट पर आकर्षक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. ये बॉन्ड एनआरआई से फंड जुटाने के साथ-साथ विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने और निवेशकों के भरोसे को बेहतर बनाने में भी मददगार साबित होते हैं.
एनआरआई निवेश को बढ़ावा देने वाली मुहिम
एनआरआई से निवेश को आकर्षित करने के लिए चलाई जाने वाली विभिन्न मुहिमों में सबसे प्रमुख है प्रवासी भारतीय दिवस. प्रवासी भारतीय दिवस भारतीय मूल के लोगों के साथ कनेक्ट होने का अवसर मुहैया कराता है. यह इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रियल एस्टेट तक और हेल्थकेयर से लेकर टूरिज्म तक विभिन्न सेक्टरों में एनआरआई के निवेश को आकर्षित करने का प्लेटफॉर्म बन जाता है. सरकार हर साल इसका आयोजन करती है.
सरकार ने रियल एस्टेट और स्टार्टअप जैसे सेक्टर में एनआरआई से निवेश को आकर्षित करने के लिए स्पेशल इनिशिएटिव्स की शुरुआत की है.
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स्टार्टअप इंडिया इनिशिएटिव हो या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाना, ये प्रयास एनआरआई पर भी फोकस्ड हैं. कुछ सेक्टरों में निवेश करने पर एनआरआई को टैक्स के फायदे भी मिलते हैं. उदाहरण के लिए- एनआरआई इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश कर रिटर्न के साथ टैक्स में छूट भी प्राप्त कर सकते हैं.