All for Joomla All for Webmasters
समाचार

Note for Vote: CJI बोले- ‘MP/MLA रिश्वत लेकर संसदीय विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते, चलेगा मुकदमा’

supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की 7 जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को सदन में वोट के बदले नोट मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. इस मामले में CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि MP/MLA रिश्वत लेकर संसदीय विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते, उन्हें मुकदमा झेलना होगा.

ये भी पढ़ें– अगले साल ग्रीन बॉन्ड जारी करेगी LIC Housing Finance, कंपनी ने बताया फ्यूचर प्लान, शेयर ने दिया 80% रिटर्न

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की 7 जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को सदन में वोट के बदले नोट मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. इस मामले में CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि MP/MLA रिश्वत लेकर संसदीय विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते, उन्हें मुकदमा झेलना होगा. आज की सुनवाई में यही फैसला किया जाना था कि सांसदों/विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से छूट दी जाए या नहीं.

इस मामले की सुनवाई कर रहे बेंच में CJI डी वाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं. 5 अक्टूबर 2023 को 7 जजों की संविधान पीठ ने दो दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.

ये भी पढ़ें– PM Modi Full Schedule: मिशन मोड में पीएम मोदी, अगले 10 दिनों में 12 राज्यों के 29 कार्यक्रमों में होंगे शामिल, फुल शेड्यूल

नरसिम्हा राव जजमेंट को पलटा

सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की संविधान पीठ ने एकमत से फैसले में कहा है कि अगर सांसद या विधायक रिश्वत लेकर सदन में मतदान/भाषण  देते हैं तो वो मुकदमे की कार्रवाई से नहीं बच सकते हैं.  आज 7 जजों की संविधान पीठ ने 1998 के नरसिम्हा राव जजमेंट को पलट दिया है. उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से तय किया था कि इसके लिए जनप्रतिनिधियों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. फैसले में कहा गया है कि अगर MLA रिश्वत लेकर राज्यसभा में वोट देते हैं तो उन पर प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा चल सकता है.

ये भी पढ़ें– Weather Update: UP-बिहार से दिल्ली तक…मौसम का बिगड़ा मिजाज, कहीं बारिश तो कहीं आंधी-तूफान का अलर्ट

सुप्रीम कोर्ट फिर से विचार पर हुआ था तैयार

पिछले साल 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक बड़ा फैसला आया था, जिसके तहत सदन में वोट के लिए रिश्वत में शामिल सांसदों/विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से छूट पर फिर से विचार करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था. बता दें कि पांच जजों की संविधान पीठ ने 1998 के पी वी नरसिम्हा राव मामले में अपने फैसले पर फिर से विचार करने का फैसला लिया था. इस मामले को 7 जजों के संविधान पीठ को भेजा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह राजनीति की नैतिकता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला महत्वपूर्ण मुद्दा है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top