Latest Visa Fees: अमेरिका में रहने के लिए जाने वाले भारतीय सबसे ज्यादा H-1B, L-1 और EB-5 वीजा लेते हैं. फीस में यह बढ़ोतरी करीब आठ साल बाद की जा रही है. इससे पहले 2016 में फीस में इजाफा किया गया था.
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US Visa Fees List: अगर आप भी अमेरिका जाने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आपको झटका दे सकती है. जी हां, एक दिन बाद यानी 1 अप्रैल से गैर-अप्रवासी अमेरिकी वीजा के लिए ली जाने वाली फीस में भारी बढ़ोतरी होने वाली है. वीजा फीस में एक साथ करीब तीन गुना की बढ़ोतरी होगी. यह बढ़ोतरी H-1B, L-1 और EB-5 वीजा पर लागू होगी. इस बदलाव के साथ ही यह भी उम्मीद है कि वीजा सर्विस में भी आने वाले दिनों में बदलाव हो सकता है. फीस में होने वाली बढ़ोतरी से आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले इमीग्रेशन पॉलिसी और इंटरनेशनल रिलेशन पर भी असर देखने को मिल सकता है.
आठ साल बढ़ रही वीजा फीस
आपको बता दें अमेरिका में रहने के लिए जाने वाले भारतीय सबसे ज्यादा H-1B, L-1 और EB-5 वीजा लेते हैं. फीस में यह बढ़ोतरी करीब आठ साल बाद की जा रही है. इससे पहले 2016 में फीस में इजाफा किया गया था. अमेरिका की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया कि H-1B, L-1 और EB-5 वीजा के लिए बढ़ोतरी के बाद नई फीस 1 अप्रैल से लागू होगी. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की तरफ से जारी किये गए नोटिफिकेशन में पहले ही इस बारे में जानकारी दी गई थी. नोटिफिकेशन में कहा गया कि यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (USCIS) की तरफ से फी एडजस्टमेंट और फॉर्म में बदलाव से वीजा फीस बढ़ जाएगी.
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H1B वीजा की फीस कितनी बढ़ जाएगी?
आपको नए H-1B वीजा के लिए आवेदन करना है तो इसके लिए फॉर्म I-129 है. इसकी फीस 460 यूएस डॉलर से (USD) बढ़कर 780 यूएस डॉलर होने जा रही है. भारतीय मुद्रा में बात करें तो यह यह 38000 रुपये से बढ़कर 64,000 रुपये से ज्यादा हो जाएगी. इसके अलावा, H-1B रजिस्ट्रेशन फीस अगले वित्तीय वर्ष से 10 यूएस डॉलर (829 रुपये) से बढ़कर 215 डॉलर (करीब 17000 रुपये) हो जाएगी. आपको बता दें H-1B गैर-अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नियुक्ति देने की अनुमति देता है. टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल भारत और चीन से हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए H1B वीजा पर निर्भर हैं.
एक लाख से ज्यादा होगी L-1 वीजा की फीस
L-1 वीजा की फीस 1 अप्रैल से बढ़कर तीन गुनी हो जाएगी. अभी तक यह 460 यूएस डॉलर (करीब 38,000 रुपये) है. जो कि 1 अप्रैल से बढ़कर 1385 यूएस डॉलर (1,10,000 रुपये) होने की उम्मीद है. L-1 अमेरिका में गैर-अप्रवासी वीजा कैटेगरी में आता है. इसे कंपनी के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए डिजाइन किया गया है. इसके जरिये मल्टीनेशनल कंपनियां अपने दूसरे देशों में मौजूदा ऑफिस से कुछ कर्मचारियों को अस्थायी रूप से अमेरिका में काम करने की अनुमति ट्रांसफर के जरिये देती हैं.
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EB-5 वीजा की नई फीस
EB-5 वीजा की फीस में भी तीन गुना इजाफा होने की उम्मीद है. अभी इसके लिए 3675 यूएस डॉलर (करीब 3 लाख रुपये) की फीस देनी होती है. लेकिन इसके बढ़कर 11160 यूएस डॉलर (करीब 9 लाख रुपये) होने की उम्मीद है. EB-5 वीजा को 1990 में यूएस गवर्नमेंट की तरफ से शुरू किया गया था. इसके तहत उच्च-आमदनी वाले विदेशी निवेशक अमेरिकी बिजनेस में कम से कम 5 लाख डॉलर का निवेश करके अपने परिवार के लिए वीजा हासिल कर सकते हैं. यह व्यापार ऐसा होना चाहिए, जिसमें कम से कम 10 अमेरिकी लोगों को नौकरियां मिल सकें.