नई दिल्ली: Systematic Transfer Plan: आज हम इस आर्टिकल में सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान अर्थात एसटीपी के बारे में बात करेंगे. साथ ही जानेंगे कैसे यह प्लान आपको उतार और चढ़ाव वाले बाजार में अच्छा रिटर्न दे सकता है. आइए जानें.
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सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान या एसटीपी क्या होता है?
दरअसल सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान एक ऑप्शन होता है जिसे बाजार की म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा अपने म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर को दिया जाता है. सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान का इस्तेमाल करके एक म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर अपने निवेश की राशि को कई सारे समय अंतराल पर एक स्कीम से किसी दूसरे स्कीम में आसानी से ट्रांसफर कर सकते है.
उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के डेट म्यूचुअल फंड में 5 लाख रुपए निवेश कर रखा है. तो आप सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान के जरिए अपने 5 लाख रुपए के राशि को निश्चित किए गए समय अंतराल पर इक्विटी म्यूचुअल फंड में ट्रांसफर कर सकते हैं.
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सोर्स स्कीम और डेस्टिनेशन स्कीम
जब आप अपनी पहली लंपसम अमाउंट को पहली योजना में डालते हैं तो उसे सोर्स स्कीम कहा जाता है. लेकिन जैसे ही आप पहली योजना (सोर्स स्कीम) का अमाउंट निकाल करके दूसरे स्कीम में डालते हैं तो उसे डेस्टिनेशन स्कीम कहा है.
कौन यूज कर सकता है STP
बाजार के वे म्यूचुअल निवेशक जिनको शेयर बाजार की अस्थिरता की वजह निवेश करने से डर लगता है वे सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान का इस्तेमाल कर सकते हैं. माना जाता है कि एसटीपी म्यूचुअल फंड निवेशक को रिस्क और रिटर्न के बैलेंस को बनाए रखने में हेल्प करता है.
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सोच समझ कर लें कदम
अगर आप सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान योजना का इस्तेमाल करने वाले हैं तो आपको अपने सोर्स स्कीम और डेस्टिनेशन स्कीम को काफी सोच समझकर चुनना चाहिए इसके अलावा ट्रांसफर के समय जैसे वीकली, मंथली, क्वार्टरली और हॉफ ईयरली को ध्यान से चुने.