आप जब स्वैच्छिक तौर पर अपनी EMI से ज्यादा रकम का भुगतान बैंक को करते हैं तो उसे प्री-पेमेंट कहा जाता है. होम लोन प्रीपेमेंट आंशिक या पूर्ण रूप से किया जा सकता है. इसका सबसे अच्छा तरीका है कि जब भी आपके पास कहीं से इकट्ठे पैसे आएं तो आप उसे होम लोन के खाते में जमा करते रहें. इसके अलावा EMI से इतर हर महीने अपनी क्षमतानुसार 2, 3,4 या 5 हजार रुपए का आप रग्युलेर प्री-पेमेंट भी कर सकते हैं.
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होम लोन प्रीपेमेंट का फायदा
जब आप हर महीने की ईएमआई देने के अलावा बीच में एकमुश्त पैसा प्रीपेमेंट के तौर पर बैंक में जमा करते हैं तो प्री-पेमेंट की रकम आपके मूलधन में से घटा दी जाती है. इससे आपका मूलधन कम होता है. लोन प्रीपेमेंट के जरिए जब आप लोन को समय से पहले चुकाते हैं, तो इससे आप ब्याज में दी जाने जाने वाली लाखों की रकम को बचा सकते हैं. इसके अलावा मूलधन कम होने से आपकी ईएमआई छोटी हो जाती है. वहीं आपका क्रेडिट स्कोर को भी बेहतर होता है. लोन प्रीपेमेंट लेंडर को इस बात का भरोसा दिलाता है कि आप लोन चुकाने में पूरी तरह से सक्षम हैं. ऐसे में भविष्य में अगर आपको कभी लोन लेने की जरूरत हो, तो आसानी से मिल जाता है.
प्रीपेमेंट करते समय इन बातों का रखें खयाल
लोगों को फ्लोटिंग दर पर प्राप्त किए गए उनके होम लोन के प्रीपेमेंट पर आमतौर पर किसी तरह का चार्ज नहीं देना पड़ता. लेकिन फिर भी आप एहतियातन लोन प्रीपेमेंट करने से पहले इसकी जानकारी जरूर लें. पहले अपने लेंडर्स से सभी टर्म एंड कंडीशन के बारे में जानें फिर लोन प्रीपेमेंट का फैसला लें.
ज्यादा ब्याज वाला लोन पहले निपटाएं
अगर आपने होम लोन के अलावा पर्सनल लोन या कार लोन या कोई और लोन भी ले रखा है, तो ऐसे में आपको होम लोन से पहले दूसरे लोन को खत्म करना चाहिए क्योंकि इन सभी लोन का ब्याज होम लोन से ज्यादा होता है.
इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल न करें
होम लोन प्रीपेमेंट के लिए इस इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इससे आपको भविष्य में परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं.
एफडी या पॉलिसी न तुड़वाएं
होम लोन प्रीपेमेंट का फैसला अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों और आर्थिक स्थिति को देखकर लें. अपनी कोई एफडी या पॉलिसी के पैसे से होम लोन प्रीपेमेंट न करें.
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शुरुआती समय में फैसला करना फायदेमंद
होम लोन 20-30 सालों का होता है. ऐसे में प्रीपेमेंट का फैसला कब लिया गया है यह महत्वपूर्ण फैक्टर होता है. अगर लोन के शुरुआती समय में भुगतान कर देते हैं तो लाखों रुपए का इंटरेस्ट बच जाएगा. इससे आपकी EMI घट सकती है. अगर देर से प्रीपेमेंट करते हैं तो बेहतर होगा कि आप एडिशनल फंड को कहीं और निवेश करें और होम लोन को पूर्व निर्धारित अवधि में चुकाएं.