Uttarakhand Forest Fire: सरकार ने उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने के लिए पिरूल को एकत्र करने की योजना को प्रोत्साहन दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पिरूल लाओ, पैसा पाओ योजना मिशन पर काम शुरू हो गया है. जिसके तहत अब पिरूल खरीद का मूल्य 50 रुपये कर दिया है.
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Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में इस वक्त वनाग्नि की घटनाएं चरम पर हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जंगलों में आग की घटनाओं से निपटने के लिए अधिकारियों को प्रो एक्टिव अप्रोच से काम करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, जंगलों में आगजनी की घटनाओं में लापरवाही बरतने पर वन विभाग पर सख्त कार्रवाई करते हुए चार वन दरोगा सहित 10 कर्मचारियों को सस्पेंड किया है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं के जंगलों में आगजनी की घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है और सूबे की सरकार से बचाव के उपाय करने के लिए कहा है. उच्चतम न्यायालय का भी कहना है कि सूबे के जंगलों में लगने वाली आग के रोकथाम के लिए कृत्रिम या मौसमी वर्षा पर निर्भरता समाधान नहीं है, बल्कि प्रशासन को बचाव के ठोस उपाय करने होंगे. वहीं, इस बीच सरकार पिरूल लाओ और पैसे पाओ योजना लेकर आई है जिसके तहत 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब से पिरूल खरीदा जाएगा.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शुरू की ‘पिरूल लाओ, पैसे पाओ’ योजना
सरकार ने उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने के लिए पिरूल को एकत्र करने की योजना को प्रोत्साहन दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पिरूल लाओ, पैसा पाओ योजना मिशन पर काम शुरू हो गया है.
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जिसके तहत अब पिरूल खरीद का मूल्य 50 रुपये कर दिया है. इस मिशन का संचालन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कर रहा है. इसके लिए 50 करोड़ रुपये का कार्प्स फंड बनाया गया है. अभी तक सरकार 3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से पिरूल लेती थी और अब इसकी खरीद 50 रुपये प्रति किलो कर दी गई है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इससे उत्साहित होकर लोग जंगलों से काफी तादाद में पिरूल एकत्रित करेंगे और जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम होंगी और आग का फैलाव भी नहीं होगा.
जंगलों में आग लगने और फैलने में पिरूल का भी अहम योगदान
पहाड़ों में चिड़ के पेड़ काफी तादाद में होते हैं. चिड़ की सूखी पत्तियों को पिरूल कहा जाता है. पिरूल बेहद ज्वलनशील होता है और पहाड़ों में आग फैलने और आग लगने की प्रमुख वजहों में यह भी शामिल है. सरकार ने जनता से अपील की है कि वो जंगलों में पिरूल एकत्र करने का बड़े पैमाने पर अभियान चलाए.
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मुख्यमंत्री बुधवार को रुद्रप्रयाग पहुंचे थे जहां उन्होंने खुद ही जंगल से पिरूल एकत्र किया और जनता से बड़े पैमाने पर पिरूल एकत्र करने की अपील की है.