सड़क परिवहन मंत्रालय में पीआईबी की एडीजी जेपी मट्टू सिंह बताती हैं कि केवाईसी कराने के दायरे में पुराने फास्टैग आएंगे. क्योंकि इधर कुछ वर्षों में लिए गए फास्टैग आधार से लिंक हैं और उनका केवाईसी भी हुआ है.
KYC of Fastag is Mandatory: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ पहल का शुभारंभ किया है. इस पहल का उद्देश्य कई वाहनों के लिए एकल फास्टैग का उपयोग अथवा एक विशेष वाहन के लिए कई फास्टैग को जोड़ने को रोकना है. फास्टैग का तय समय से पहले केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है. बकाया धनराशि के साथ अपूर्ण केवाईसी वाले फास्टैग को 31 जनवरी 2024 के बाद बैंकों द्वारा निष्क्रिय/ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे और टोल पहुंचने पर आपको पेनाल्टी देनी होगी.
सड़क परिवहन मंत्रालय में पीआईबी की एडीजी जेपी मट्टू सिंह बताती हैं कि केवाईसी कराने के दायरे में पुराने फास्टैग आएंगे. क्योंकि इधर कुछ वर्षों में लिए गए फास्टैग आधार से लिंक हैं और उनका केवाईसी भी हुआ है. पुराने फास्टैग में इस तरह की समस्या आ रही है, जो ब्लैकलिस्ट किए जाएंगे.
KYC कराने के लिए कहां जाना होगा?
ऐसे फास्टैग धारकों को अपने बैंकर के पास जाकर केवाईसी अपडेट कराना होगा. मसलन किसी ने पेटीएम से फास्टैग लिया है तो पेटीमए में जाकर अपडेट कराना होगा, अगर किसी ने बैंक से लिया है तो वहां जाकर अपडेट कराना होगा.
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वहीं, इस संबंध ट्रासंपोर्ट एक्सपर्ट अनिल छिकारा ने बताया कि कुछ वाहन चालक इसका मिसयूज कर हैं. वो छोटी गाड़ी के फास्टैग कमर्शियल गााड़ी चला रहे है. उदाहरण के लिए छोटी गाड़ी का टोल 100 रुपये होता है और कमर्शियल 500 रुपये. फास्टैग में छोटी गाड़ी का नंबर दर्ज है, ऐसे में कार्ड रीडर कमर्शियल गाड़ी को छोटी गाड़ी में रीड करेगा और 100 रुपये ही टोल कटेगा. इस तरह वाहन चालक राजस्व का नुकसान कर रहे हैं.इसलिए एक वाहन में एक फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा.
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फास्टैग उपयोगकर्ताओं को ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ का भी अनुपालन करना होगा और अपने संबंधित बैंकों के माध्यम से पहले जारी किए गए सभी फास्टैग को छोड़ना होगा. केवल नवीनतम फास्टैग खाता सक्रिय रहेगा क्योंकि पिछले टैग 31 जनवरी 2024 के बाद निष्क्रिय/ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे.