कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की शनिवार को बैठक होने वाली है। इस बैठक से पीएफ खाताधारकों के लिए बुरी खबर आ सकती है।
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ऐसी खबरें हैं कि सीबीटी की बैठक में पीएफ की ब्याज दर पर कैंची चलाई जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो 6 करोड़ से ज्यादा पीएफ खाताधारक प्रभावित होंगे। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि अगले कुछ महीने में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।
8% की ब्याज दर की सिफारिश: इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की शनिवार को होने वाली बैठक में वित्त वर्ष 2024 के लिए लगभग 8% की ब्याज दर की सिफारिश करने की संभावना है। इसके अलावा ईपीएफओ निवेश पर रिटर्न बढ़ाने के लिए शेयरों में अपने निवेश को अब लगभग 10% से बढ़ाकर 15% करने के लिए बोर्ड की मंजूरी लेने की भी संभावना है। इस बैठक में पेंशन, बजटीय अनुमान और अनुपालन मुद्दों पर भी मंथन संभव है। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक सीबीटी की बैठक में हाई पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने, EPFO में खाली पदों पर भर्ती के अलावा कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
अभी कितनी ब्याज दर
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ खाताधारकों की जमा राशि पर ब्याज दर को 8.10% से 0.05% बढ़ाकर 8.15% कर दिया गया था। बता दें कि पीएफ पर वाली ब्याज दर वर्ष के दौरान ईपीएफ सदस्यों द्वारा की गई निकासी, ईपीएफ खातों से मिले अंशदान और साल के दौरान हुई आमदनी के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
कब होगा ऐलान: इस बार अभी साफ नहीं है कि सार्वजनिक रूप से भविष्य निधि पर ब्याज दर की घोषणा तत्काल की जाएगी या नए दिशानिर्देशों के मुताबिक वित्त मंत्रालय से अनुमति के बाद इसकी घोषणा होगी।
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पिछले साल जुलाई में श्रम मंत्रालय ने केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड से कहा था कि वह वित्त मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बगैर वित्त वर्ष 2023-24 के ब्याज दरों की सार्वजनिक रूप से घोषणा न करे।