Bullet Train Fare: एक इंटरव्यू में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आप चाहें तो सूरत में सुबह का नाश्ता कर सकते हैं और फिर मुंबई में जाकर काम कर सकते हैं. इसके बाद रात में फिर आप अपने परिवार के पास वापस लौट सकते हैं. बुलेट ट्रेन का किराया हवाई किराए से बहुत सस्ता होने वाला है.
नई दिल्ली: देश में बुलेट ट्रेन का सबको इंतजार है. लोग अभी से ही जानना चाहते हैं कि इसका किराया कितना होगा. बुलेट ट्रेन के इंतजार के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में सारी बातें बताई हैं. उन्होंने कहा है कि बुलेट ट्रेन का काम देश में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने इस बारे में भी बताया कि बुलेट ट्रेन में सफर के लिए कितना किराया लगेगा.
ये भी पढ़ें– होली पर गुलाल के संग बारिश का लीजिए मजा! UP-बिहार से कोलकाता तक रोमांटिक रहेगा मौसम, IMD का लेटेस्ट अपडेट
NDTV को दिए एक इंटरव्यू में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आप चाहें तो सूरत में सुबह का नाश्ता करें और फिर मुंबई में जाकर काम करें. इसके बाद रात में फिर आप अपने परिवार के पास लौट सकते हैं. दुनिया में जहां-जहां बुलेट ट्रेनें चल रही हैं, वहां 90 प्रतिशत लोग दूर की यात्रा के लिए बुलेट ट्रेन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें– Swiggy प्रीमियम मेंबरशिप के नाम पर ग्राहकों को लगा रहा ‘चूना’! यूजर ने खोल दी पोल-पट्टी
कितना होगा किराया?
बुलेट ट्रेन के किराए को लेकर जब रेल मंत्री से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन का किराया हवाई किराए से बहुत सस्ता होने वाला है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मुंबई-अहदाबाद कॉरिडोर के लिए 8 नदियों पर पुल बनाने का काम पूरा हो चुका है. इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1,08 लाख करोड़ रुपए है. इसमें से 10 हजार करोड़ केंद्र सरकार द्वारा खर्च किया जा रहा है. वहीं महाराष्ट्र और गुजरात की सरकार 5 हजार करोड़ का योगदान देगी. बाकी की फंडिंग जापान से लोन लेकर हो रही है. इसका इंटरेस्ट रेट केवल 0.1 पर्सेंट है.
ये भी पढ़ें– एक ही जगह मिलेगी पॉलिसियों की जानकारी, जल्द मिलेगा क्लेम, कई दिक्कतों का ‘इलाज’ कर देगा बीमा सुगम पोर्टल
मालूम हो कि मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर नवंबर 2021 में काम शुरू हुआ था और यह लगातार चल रहा है. इससे पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि मु्ंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन का किराया लगभग 3 हजार रुपए होगा. भविष्य में दिल्ली से अयोध्या के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की भी बात हो रही है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो दिल्ली की अर्थव्यवस्था उत्तर प्रदेश के कई शहरों केसाथ जुड़ जाएगी.