कंपनियां बंजर जमीन और नदी जलग्रहण रीजन में पेड़-पौधे लगाकर ‘ग्रीन क्रेडिट’ सृजित कर सकती हैं.
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पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने लिस्टेड कंपनियों के लिए ‘ग्रीन क्रेडिट’ प्रोग्राम को लेकर खुलासा नियमों को लागू करने का प्रस्ताव किया है. यह प्रस्ताव कारोबार जिम्मेदारी और पर्यावरण अनुकूल पहल रिपोर्टिंग (BRSR) के तहत किया गया है.
कंपनियां बंजर जमीन और नदी जलग्रहण रीजन में पेड़-पौधे लगाकर ‘ग्रीन क्रेडिट’ सृजित कर सकती हैं.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपने परामर्श पत्र में कहा है कि लिस्टेड कंपनी और मूल्य श्रृंखला भागीदार के अर्जित ‘ग्रीन क्रेडिट’ को बीआरएसआर के सिद्धांत छह के तहत एक नेतृत्व संकेतक के रूप में जोड़ा जा सकता है. यह प्रावधान कहता है कि कंपनियों को पर्यावरण के संरक्षण और उसके मूल रूप में बहाल करने को लेकर कदम उठाने चाहिए.
सेबी ने कहा कि बीआरएसआर में शामिल होने से सूचीबद्ध इकाइयों और उनके मूल्य श्रृंखला भागीदारों को पर्यावरण अनुकूल टिकाऊ गतिविधियों का पालन कर हरित क्रेडिट के सृजन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
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यह खुलासा फरवरी, 2024 में जारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुरूप है.
इसके अलावा, सेबी ने ‘मूल्य श्रृंखला भागीदार’ को फिर से परिभाषित करने का प्रस्ताव दिया है. इसके तहत अब सूचीबद्ध इकाई के उत्पादन और वितरण भागीदारों को शामिल किये जाने की जरूरत होगी. साथ ही व्यक्तिगत रूप से मूल्य के हिसाब से सूचीबद्ध इकाई की खरीद या बिक्री का क्रमशः दो प्रतिशत या अधिक हिस्सेदारी रखने वाले भी शामिल होंगे.
सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पहले साल वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मूल्य श्रृंखला भागीदारों के बारे में ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और कंपनी संचालन) का खुलासा करना स्वैच्छिक होगा.
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सेबी के पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर आधारित इन प्रस्तावों का उद्देश्य बीआरएसआर ढांचे के अंतर्गत कारोबार को सुगम बनाना है.
सेबी ने प्रस्तावों पर 12 जून तक लोगों से सुझाव मांगे हैं.