Uttarakhand प्रदेश में अब जल्द ही परमिट जारी करते समय यह तय किया जाएगा कि कौन से मॉडल के वाहन किस परमिट पर संचालित होंगे। प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों के संचालन की समय सीमा तय हो चुकी है। केंद्र के निर्देशों के अनुसार 15 वर्ष से पुराने व्यावसायिक वाहनों को कबाड़ घोषित किया गया है। नए वाहनों में भी नए वाहन नवीनतम भारत सीरीज के जारी हो रहे हैं।
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राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में अब जल्द ही परमिट जारी करते समय यह तय किया जाएगा कि कौन से मॉडल के वाहन किस परमिट पर संचालित होंगे। इसके लिए परिवहन मुख्यालय स्तर पर बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस विषय को राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में प्रस्तुत करने की तैयारी है।
प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों के संचालन की समय सीमा तय हो चुकी है। केंद्र के निर्देशों के अनुसार 15 वर्ष से पुराने व्यावसायिक वाहनों को कबाड़ घोषित किया गया है। नए वाहनों में भी नए वाहन नवीनतम भारत सीरीज के जारी हो रहे हैं। यही वाहन दिल्ली व अन्य राज्यों में जा सकते हैं।
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समिति ने सौंपी रिपोर्ट
उत्तराखंड में अभी कई व्यावसायिक वाहन पुराने मॉडल के चल रहे हैं, जिनकी समय अवधि अभी 15 साल पूर्ण नहीं हुई है। ऐसे वाहन किन मार्गों पर चलने के उपयुक्त हो सकते हैं, इसके लिए परिवहन मुख्यालय स्तर से एक समिति का गठन किया गया। इस समिति ने इसका अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दी है। अब मुख्यालय इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद निर्णय लेगा कि इस पर आगे क्या कदम उठाए जाने हैं।
बैठक में लिया जाएगा अहम फैसला
राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक जल्द प्रस्तावित है। इस बैठक में पर्वतीय मार्गों पर बसों का व्हील बेस बढ़ाने, चुनाव ड्यूटी पर लगने वाले वाहनों के किराए के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने व परमिट देने के संबंध में विचार किया जाना है। ऐसे में परमिट में मॉडल तय करने के संबंध में भी विषय इस बैठक में लाया जा सकता है। सचिव एसटीए व संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि जल्द ही बैठक के लिए तिथि तय की जाएगी।