Google Map new feature: गूगल ने गूगल मैप्स (Google Maps) पर भारत के लिए अपनी तरह की पहली सुविधा की शुरुआत गुरुवार को की. इसमें यूजर्स अपने घरों का प्लस कोड्स पता (plus codes address) जानने के लिए अपनी करेंट लोकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Google Map new feature: गूगल के यूजर्स के लिए गुड न्यूज है. गूगल ने गूगल मैप्स (Google Maps) पर भारत के लिए अपनी तरह की पहली सुविधा की शुरुआत गुरुवार को की. पीटीआई की खबर के मुताबिक, जिसमें यूजर्स अपने घरों का प्लस कोड्स पता (plus codes address) जानने के लिए अपनी करेंट लोकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं. प्लस कोड्स दरअसल, फ्री, ओपन सोर्स से हासिल होने वाले डिजिटल एड्रेस होते हैं जो उन लोकेशन की भी सटीक जानकारी बता सकते हैं जिनका सही-सही आपैचारिक पता नहीं होता.
प्लस कोड्स् की शुरुआत 2018 में हुई थी
खबर के मुताबिक, गली और इलाके के नाम के बजाए प्लस कोड अक्षांश और देशांतर पर आधारित होते हैं और इन्हें अक्षरों और संख्याओं की छोटी सीरीज के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. इस तरह, इससे सही जगह पर पहुंचा जा सकता है और यह दुकानों का पता लगाने और उनतक पहुंचने को भी आसान बनाते हैं. प्लस कोड्स् की शुरुआत 2018 में हुई थी और तब से इसे देश में गैर सरकारी संगठनों और सरकारों ने बड़े पैमाने पर अपनाया है.
Read more:Tata Sky: बदल गया टाटा स्काई का नाम, जानिए अब क्या रखा है कंपनी ने नया नाम
‘प्लस कोड’ एड्रेस का सीधे इस्तेमाल
गूगल मैप्स (Google Maps) की ‘प्रोडक्ट मैनेजर’ अमांडा बिशप ने कहा कि हम यूजर्स को मजबूत बनाना चाहते हैं, इसी क्रम में वे अपनी हर रोज की जरूरतों के लिए ‘प्लस कोड’ एड्रेस का सीधे इस्तेमाल कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि हमने भारत में यह सुविधा एक महीने पहले शुरू की थी. यह खुशी का विषय है कि भारत में तीन लाख से ज्यादा यूजर्स ने प्लस कोड्स (Google Maps plus codes address) के जरिए अपने घरों का पता खोज लिया.
Read more:Tech Tips: लैपटॉप का उपयोग करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल, एक गलती पड़ सकती है भारी
अभी यह सुविधा केवल एंड्रॉयड पर
बयान में बताया गया कि गूगल मैप्स (Google Maps) पर ‘होम’ लोकेशन सुरक्षित करने पर भारत के यूजर्स अपनी करेंट लोकेशन का इस्तेमाल करें’ फीचर देख सकेंगे जिसमें प्लस कोड तैयार करने के लिए फोन की लोकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा और इसे बाद में यूजर्स अपने घर के पते के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे. इन पतों को साझा भी किया जा सकेगा. इसमें कहा गया कि अभी यह सुविधा केवल एंड्रॉयड पर उपलब्ध है और बाद में इसे आईओएस प्लेटफॉर्म के लिए भी लाया जा सकेगा.