नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Salt Intake: जब भी किसी को हाइपरटेशन की दिक्कत शुरू होती है, तो सबसे पहले उन्हें नमक का सेवन कम करने के लिए कहा जाता है। साल 2015 में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, डाइट में नमक की मात्रा ज़्यादा खाने से, सामान्य आबादी में हाई ब्लड प्रेशक की समस्या में ज़बरदस्त वृद्धि हुई है, जो दुनिया की आबादी का लगभग 30% है। यही वजह है कि आए दिन जो लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित पाए जाते हैं, उन्हें नमक की मात्रा कम रखने की सलाह दी जाती है।
इसलिए जिन लोगों को हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ होती है, उनके घरों में खाने में कम नमक का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक अच्छी आदत भी है। लेकिन लोगों को जिस बारे में जागरुक होना चाहिए, वह यह है कि ज़रूरत से ज़्यादा नमक खाना न सिर्फ दिल और किडनी के लिए ही ख़तरनाक होता है, बल्कि पूरी सेहत के लिए भी जोखिम भरा साबित हो सकता है। तो आइए जानें नमक कम खाने की 7 ऐसी वजह जिससे आपके शरीर को फायदा पहुंच सकता है।
1. ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोल में
जैसा कि कई शोध से साबित होता है कि डाइट में सोडियम की अधिक मात्रा ब्लड प्रेशर के स्तर को बढ़ा सकती है और इससे लंबे समय में धमनियों, हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। डाइट में नमक को कम रखने से न सिर्फ ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है बल्कि दिल की सेहत में भी सुधार होता है। इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि जो लोग डाइट में नमक का सेवन कम रखते हैं, वे लंबा जीते हैं।
2. दिल की बीमारी से बचते हैं
क्योंकि कम नमक खाने से ब्लड प्रेशर ठीक रहता है, इससे दिल के दौरे, स्ट्रोक और दिल की दूसरी बीमारियों का जोखिम भी कम हो जाता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यह पता चला कि प्रीहाइपरटेंशन वाले जो लोग आहार में कम सोडियम ले रहे थे, उनमें कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का दोखिम 25-30% कम था। इसके अलावा कम नमक खाने से दिल के दौरे या फिर दिल की सर्जरी के बाद रिकवरी भी बेहतर तरीके से होती है।
3. पेट फूलने की समस्या नहीं होती
आप खाने में जितना कम नमक खाएंगे, उतना ही यह आपकी पाचन क्रिया और पूरी स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक ज़्यादा खाने से कोशिकाओं में जल प्रतिधारण होता है। इससे न सिर्फ पेट फूलता है, बल्कि चेहरा भी फूलने लगता है। अगर आप चेहरे पर आई सूजन और लगातार हो रही ब्लोटिंग से बचना चाहते हैं, तो नमक का सेवन कम करें।
4. कैंसर का जोखिम भी होता है कम
जी हां शोध में यह देखा गया है कि डाइट में नमक की ज़्यादा मात्रा पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है। नमक का ज़्यादा सेवन पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचा सकता है। उस ही अध्ययन से यह भी पता चला है कि कम नमक वाला आहार न केवल आपके पेट के कैंसर के ख़तरे को कम कर सकता है बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।
5. हड्डियों की सेहत में सुधार करता है
पेशाब के ज़रिए हमारी बॉडी से कैल्शियम बाहर निकल जाता है। और कैल्शियम की कितनी मात्रा निकलेगी यह हमारे शरीर में सोडियम की मात्रा पर निर्भर करता है। अगर हम डाइट में नमक की मात्रा ज़्यादा लेते हैं, तो इससे पेशाब से ज़्याद कैल्शियम निकलता है। जिससे ओस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से जुड़ी गंभीर बिमारी का ख़तरा बढ़ जाता है।
6. गुर्दे के कार्य को बढ़ाता है
जो लोग ज़्यादा नमक खाते हैं, उनके गुर्दे को शरीर से नमक को ख़त्म करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे पेशाब के ज़रिए ज़्यादा कैल्शियम भी निकल जाता है। जिससे किडनी स्टोन्स और किडनी से जुड़ी दूसरी बीमारियां हो सकती हैं।
7. दिमाग़ की सेहत को बढ़ावा मिलता है
नमक की ज़्यादा मात्रा दिमाग़ के फंक्शन को भी प्रभावित करती है। मस्तिष्क में रक्त ले जाने वाली धमनियां अवरुद्ध या संकुचित हो जाती हैं, जिससे मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति में कमी आती है। इसके अलावा, यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाता है, जिससे ब्रेन स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
WHO भी स्वस्थ रहने के लिए दिन में 5 ग्राम से ज़्यादा नमक न खाने की सलाह देता है। खासतौर पर अगर आप हाइपरटेंशन और क्रोनिक बीमारी से पीड़ित हैं। नमक का एक छोटा चम्मच लगभग 6 ग्राम के बराबर होता है। इसलिए ज़्यादा रखें कि आप दिनभर में कितना नमक खा रहे हैं। इसमें ब्रेड, केचअप, चिप्स और चीज़ में मौजूद नमक भी शामिल है।