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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र: 90, 155, 360 रुपये… कई एकड़ खेत में फसल हो गई नष्ट, पीएम फसल बीमा योजना में किसानों को मिला इतने का मुआवजा

महाराष्ट्र के अकोला में खरीफ मौसम में ज्यादा बारिश होने से सोयाबीन-तुवर की दाल समेत कई अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसान अपनी फसलों का सही मुआवजा मिलने के लिए बीमा कंपनी का प्रीमियम भरते हैं. अब फसल के तबाह होने पर जब किसान मुआवजे के लिए आवेदन कर रहे हैं तो उन्हें प्रीमियम से भी कम पैसा दिया जा रहा है.

हाल में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें फसलों का सरकारी सर्वेक्षण कराने के बाद बीमा कंपनी ने 800 से ज्यादा प्रीमियम भरने वाले किसान महेश को महज 90 रुपये मुआवजा दिया, जबकि सरकारी अनुमान के मुताबिक उसे करीब 11,000 रुपये आर्थिक मदद मिलनी चाहिए थी. महेश के अलावा ऐसे कई और पीड़ित किसान हैं. एक किसानों को ₹155 तो किसी को ₹360 मुआवजा मिला है. हालांकि कि इन किसानों ने ये पैसा लेने से मना कर दिया है. आइए जानते हैं ऐसे ही किसानों की कहानी उनकी जुबानी…

प्रीमियम का 10 फीसदी की मिला मुआवजा

प्रभाकर घोगरे के किसान अकोला के टाकली गांव में रहते हैं. उन्होंने 2 एकड़ में तुवर की फसल लगाई थी. इसका उन्होंने फसल बीमा भी कराया. इसके लिए उन्होंने ₹844 प्रीमियम भरा था. जब बारिश हुई तो उनकी फसल  खराब हो गई. इसके बाद उसने बीमा क्लेम किया. एक टीम ने उनके नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे किया.

महीनों सर्वेक्षण के बाद उनके बैंक खाते में 90.72 रुपये जमा हुआ तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. किसान ने दूसरे किसानों से बात की तो पता चला कि वह अकेला नहीं है. किसी के बैंक खाते में ₹155 तो किसी के अकाउंट में ₹360 मुआवजा भेजा गया है. यह रकम प्रीमियम की करीब 10 से 12 फीसदी ही है.

CM के गुवाहाटी दौरे के लिए भेजूंगा यह रकम

किसान संतोष पाटिल बताया- मैंने बीमा कंपनी का प्रीमियम 1672 रुपये भरा, जिसमें मुझे नुकसान भरपाई महज 360 रुपये आई. अब यह रकम का मैं क्या करूं. इसमें तो मेरा कुछ भी नहीं होगा. अब यह रकम मैं प्रधानमंत्रीजी के चुनाव दौरे के लिए मुख्यमंत्री के गुवाहाटी जाने के लिए रकम भेज रहा हूं. उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी ने 70 साल की उम्र में हमारे साथ ऐसा मजाक किया है.

इस रकम में तो एक शर्ट भी नहीं ले पाऊंगा

किसान पुंडलिक पाटिल ने कहा- मैंने भी बीमा कंपनियों से नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन किया है. अब दूसरे किसानों की इतनी कम रकम आई तो मेरी रकम क्या आएगी? अगर मुझे भी इतना पैसा मिला तो मैं अपने लिए एक शर्ट भी नहीं खरीद पाऊंगा.

किसानों की समस्या पर ध्यान दे सरकार

किसान प्रशांत पुन्डे ने कहा- पहले ही ज्यादा बारिश से किसानों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है, ऐसे में बीमा कंपनी द्वारा किसानों इतना मुआवजा देना उनके साथ भद्दा मजाक है. सरकार को किसानों की इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है.

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