गूगल के एक पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि उसे कंपनी के डिनर में एक महिला बॉस की सलाह नहीं मानने के बाद नौकरी से निकाल दिया गया. कर्मचारी का कहना है कि एचआर डिपार्टमेंट से शिकायत करने के बावजूद उसकी कोई सुनवाई नहीं की गई.
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नई दिल्ली. गूगल के एक पूर्व कर्मचारी ने कंपनी पर मुकदमा दायर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि कंपनी के डिनर में एक महिला बॉस की सलाह नहीं मानने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. मुकदमे में कहा गया है कि यह घटना दिसंबर 2019 में मैनहट्टन रेस्तरां में डिनर के दौरान हुई थी. पूर्व कर्मचारी का कहना है कि वह यौन उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव, नस्ल भेदभाव और बदले का शिकार हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कर्मचारी कंपनी के फ़ूड एंड बेवरेजेज और रेस्टोरेंट डिपार्टमेंट में एक सीनियर अधिकारी था. जबकि महिला उससे पोस्ट में सीनियर थी जो कंज्यूमर, गवर्नमेंट और एंटरटेनमेंट डिपार्टमेंट में प्रोग्रामेटिक मीडिया में टॉप रोल में थी. कर्मचारी का कहना है कि महिला के व्यवहार ने उसे बेहद असहज कर दिया था.
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शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
गूगल के पूर्व कर्मचारी का आरोप है कि कथित घटना की शिकायत करने के बाद कंपनी के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट (HR) ने कोई कार्रवाई नहीं की. मुकदमे में कहा गया है कि महिला ने कथित तौर पर एचआर डिपार्टमेंट से उसकी छोटी-छोटी गलतियों की सूचना दी. इस वजह से कर्मचारी को आखिरकार पिछले साल अगस्त में कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया गया. जबकि महिला कर्मचारी ने अपने पूर्व सहयोगी के आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें मनगढ़ंत करार दिया. वहीं कंपनी के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि यह मुकदमा झूठ से भरी घटनाओं के आधार पर एक असंतुष्ट पूर्व कर्मचारी द्वारा गढ़ा गया है.
कंपनी ने बड़े पैमाने पर की नौकरियों में कटौती
इस महीने की शुरुआत में प्रमुख टेक कंपनियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी के बीच गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने दुनिया भर में लगभग 12 हजार नौकरियों में कटौती की है. यह कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या के 6 फीसदी के बराबर है. बता दें कि कंपनी के 25 साल के इतिहास में की गई यह सबसे बड़ी छंटनी है. छंटनी के बाद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक ई-मेल में कर्मचारियों से कहा कि वे उन सभी फैसलों की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं जो हमें यहां ले आए.