Sugar rates- महाराष्ट्र में पिछले साल रिकॉर्ड चीनी उत्पादन (Sugar Production In Maharashtra) हुआ था. लेकिन, इस बार गन्ना उत्पादन (Sugarcane Production) में कमी आने से मिलों को पिछले साल से 45 से 60 दिन पहले ही बंद करना पड़ सकता है. इससे चीनी उत्पादन भी कम रह सकता है.
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नई दिल्ली. आने वाले समय में देश में चीनी का भाव (Sugar Rate) बढ़ सकता है. इसका कारण है देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन (Sugar Production In Maharashtra) कम होने की आशंका है. देश के कुल चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र का योगदान एक तिहाई से ज्यादा है. इस बार बारिश के कारण गन्ने की फसल को हुए नुकसान की वजह से महाराष्ट्र में चीनी मिलें (Sugar Mills) निर्धारित समय से दो महीने पहले ही बंद हो सकती है. इससे महाराष्ट्र में पिछले साल से 7 फीसदी कम चीनी उत्पादन इस साल हो सकता है.
पेराई सीजन की शुरुआत में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन का अनुमान 138 लाख टन से अधिक जताया गया था. लेकिन वास्तविक उत्पादन घटकर 129-130 लाख टन रह सकता है. महाराष्ट्र में गन्ने की बुआई पिछले साल जितने रकबे में ही हुई थी. मराठवाड़ा क्षेत्र में गन्ने की प्रति एकड़ उत्पादकता में लगभग 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. बारिश से फसल खराब होने से ऐसा हुआ है. महाराष्ट्र में चालू सीजन में चीनी उत्पादन कम होने का असर देश के चीनी निर्यात पर भी पड़ सकता है.
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129 लाख टन हो सकता है चीनी उत्पादन
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने चीनी मिल प्रबंधकों के साथ बैठक कर इस सीजन राज्य में पैदा होने वाली चीनी के बारे में चर्चा की है. गायकवाड़ ने बताया कि इथेनॉल निर्माण के लिए भी गन्ने का अधिक प्रयोग किया जा सकता है. चीनी उत्पादन का अनुमान 138 लाख टन से अधिक जताया गया था, जो अब घटकर 129-130 लाख टन रह सकता है. गायकवाड़ ने कहा कि अत्यधिक बारिश ने चलते गन्ने के पौधों का कद कम बढ़ा. इस वजह से इस साल पेराई के लिए कम गन्ना उपलब्ध है. महाराष्ट्र में पिछले साल की तुलना में 45 से 60 दिन पहले गन्ने की पेराई बंद करने की तैयारी है.
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वर्ष 2021-22 में हुआ था रिकॉर्ड चीनी उत्पादन
महाराष्ट्र में पिछले साल चीन उत्पादन को लेकर रिकॉर्ड बना था. वर्ष 2021-22 के सीजन में पहली बार 137 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. महाराष्ट्र में बंपर चीनी उत्पादन के कारण ही भारत ने पिछले साल रिकॉर्ड 11.2 मिलियन टन चीनी का निर्यात किया था. इस साल केंद्र सरकार ने केवल 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी अब तक दी है. अब केंद्र सरकार निर्यात को लेकर नए सिरे से विचार कर रही है.