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आपको भी तो नहीं हो गए इतने दिन अकाउंट से पैसे निकाले… चेक कर लें

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नई दिल्ली. नौकरी बदलते समय, लोन लेते वक्त या ट्रांसफर के समय लोगों के मल्टीपल अकाउंट खुल जाते हैं. ऐसे में लोग कुछ अकाउंट में ट्रांजेक्शन करते रहते हैं और जबकि कुछ में वो लंबे समय तक कोई लेनदेन नहीं कर पाते हैं. अगर किसी खाते में दो वर्ष तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया जाता तो वह इनऑपरेटिव हो जाता है. बैंक के कई ग्राहकों की शिकायत है कि हाल के कुछ महीनों में उन्होंने खाते से ट्रांजेक्शन नहीं किया है जिसके चलते अकाउंट ‘इनऑपरेटिव’ या बंद हो गया है. खाता तभी शुरू होगा जब आप बैंक जाकर कुछ जरूरी डाक्यूमेंट देंगे. कुछ जरूरी अपडेशन और पूछताछ के बाद ही आपका अकाउंट फिर से बहाल हो पाएगा. इसके लिए आपका लेटेस्ट केवाईसी अपडेट भी करना पड़ सकता है.

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बैंक की पॉलिसी के अनुसार, अगर एक निश्चित अवधि तक खाते से लेनदेन न हो तो उसे निष्क्रिय या इनऑपरेटिव कर दिया जाएगा. बैंक अकाउंट होल्डर के फोन पर मैसेज कर इस बात की जानकारी देता है कि अकाउंट बंद कर दिया गया है और उसे पुनः शुरू कराने के लिए ब्रांच जाना होगा.

क्या कहते हैंं नियम

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हर खाते का अपना एक नियम है कि कितने दिन बाद उसे इनऑरेटिव कर दिया जाएगा, अगर लेनदेन न हो. बैंकों की तरफ से पासबुक या रूलबुक में इसकी पूरी जानकारी दी जाती है. हो सकता है कि अलग-अलग खाते के लिए नियम अलग हो, लेकिन एक निश्चित नियम जरूर है.

कैसे शुरू करें खाता

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इस नियम के मुताबिक, आपको खाते में डिपॉजिट कोई भी कर सकता है, आप भी कर सकते हैं, लेकिन विड्रॉल जरूरी है. यह 2 साल के बीच किया जाना चाहिए और इसे बंद नहीं होना चाहिए. विड्रॉल नहीं करने पर खाता इनऑपरेटिव हो जाता है. एक बार खाता इनऑपरेटिव हो जाए तो उसे शुरू करने के लिए केवाईसी कराना जरूरी है. एक बार जैसे ही विड्रॉल करते हैं, खाता फिर से ऑपरेटिव हो जाता है.

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चूंकि सभी बैंकों को केवाईसी नियमों का पालन करना है, यह नियम लगभग हर बैंक में है. हालांकि ट्रांजेक्शन पूरी तरह बंद नहीं होते. एटीएम, नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करते हुए बैंक की सेवा ले सकते हैं. सीधा सा नियम है कि अगर खाते से डेबिट ट्रांजेक्शन नहीं करेंगे तो उसे बंद कर दिया जाता है. 2 साल के अंदर आपको पैसा निकालना होगा, अन्यथा खाता इनऑपरेटिव हो सकता है.

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एसबीआई का नियम है कि हाई रिस्क कस्मटर के लिए हर दो साल पर एक बार केवाईसी अपडेट कराना जरूरी है. मीडियम रिस्क वाले कस्टमर के लिए 8 साल और लो रिस्क वाले के लिए 10 साल में एक बार केवाईसी अपडेट कराना जरूरी होता है.

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