EPF Interest Rate: FY2022-23 के लिए सरकार PF पर 8% ब्याज दर तय कर सकती है. इसके लिए CBT के एक महीने के भीतर मिलने की संभावना जताई जा रही है.
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EPF Interest Rate: ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर करीब 8 फीसदी रख सकती है, जो पिछले वित्त वर्ष के लगभग बराबर है. इसमें कहा गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की कमाई पर काम किया जा रहा है.
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल निवेश पर उच्च रिटर्न को देखते हुए 8 फीसदी संभव है.
ब्याज दर पर फैसला करने के लिए ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की इस महीने के अंत में या मार्च की शुरुआत में बैठक होने की उम्मीद है. इसके बाद 2022-23 की कमाई के आधार पर इसकी वित्त निवेश और लेखा परीक्षा समिति द्वारा सिफारिश की जाएगी.
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बता दें, सीबीटी ईपीएफओ का एक त्रिपक्षीय निकाय है जिसमें सरकार, कर्मचारी और नियोक्ता के प्रतिनिधि शामिल हैं और सीबीटी का निर्णय ईपीएफओ पर बाध्यकारी है. इसकी अध्यक्षता श्रम मंत्री करते हैं.
2021-22 के लिए, सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर चार दशक की सबसे कम ब्याज दर 8.1 प्रतिशत को मंजूरी दी थी. ईपीएफ पर 8.1 फीसदी की ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम है, जब यह 8 फीसदी थी.
2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) द्वारा मार्च 2021 में तय की गई थी.
ईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत एक अनिवार्य बचत योजना है. इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तत्वावधान में प्रबंधित किया जाता है. यह प्रत्येक प्रतिष्ठान को कवर करता है जिसमें 20 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं. कर्मचारी को भविष्य निधि के लिए एक निश्चित अंशदान का भुगतान करना होता है और इतनी ही राशि का भुगतान नियोक्ता द्वारा मासिक आधार पर किया जाता है.
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गौरतलब है कि सेवानिवृत्ति के अंत में या सेवा के दौरान (कुछ परिस्थितियों में), कर्मचारी को पीएफ योगदान पर ब्याज सहित एकमुश्त राशि मिलती है जो अर्जित होती है. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2017 से नवंबर 2021 की अवधि के दौरान लगभग 4.9 करोड़ नए ग्राहक कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में शामिल हुए.