अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मामले में जावेद अख्तर की याचिका ने खारिज कर दी
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मुंबई: मुंबई की एक सत्र अदालत (Mumbai court) ने आज सोमवार को दिग्गज गीतकार-शायर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) की एक याचिका (Javed Akhtar plea) खारिज कर दी. इस याचिका में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बारे में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर एक वकील द्वारा दायर आपराधिक वाद के सिलसिले में मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन को चुनौती दी थी. अख्तर ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के संदर्भ में विवादित बयान दिया था.
वकील संतोष दुबे ने अक्टूबर 2021 में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष मानहानि से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अख्तर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा कि अख्तर को 31 मार्च को मुलुंड अदालत में पेश होना है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर एक वकील द्वारा दायर आपराधिक मामले के संबंध में मजिस्ट्रेट द्वारा उनके खिलाफ जारी समन को चुनौती देने वाली गीतकार-कवि जावेद अख्तर की याचिका यहां की एक सत्र अदालत ने सोमवार को खारिज कर दी.
मजिस्ट्रेट ने पिछले साल दिसंबर में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अख्तर को समन जारी किए थे. वकील संतोष दुबे ने जावेद अख्तर (78) ने समन के खिलाफ सत्र अदालत में याचिका दायर की थी. वकील संतोष दुबे ने अक्टूबर 2021 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत उपनगरीय मुलुंड में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष अख्तर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी.
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आरएसएस समर्थक होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता ने अख्तर पर आरोप लगाया था, राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए, अनावश्यक रूप से आरएसएस का नाम घसीटा और एक टेलीविजन के साक्षात्कार के दौरान टिप्पणी करते हुए “सोची-समझी और सुनियोजित चाल” में संगठन को बदनाम किया.
दुबे ने कहा, सत्र अदालत ने मुलुंद अदालत के आदेश के खिलाफ दाखिल प्रख्यात लेखक जावेद अख्तर की समीक्षा याचिका खारिज कर दी है. अख्तर को 31 मार्च को मुलुंद अदालत के समक्ष पेश होना है.
मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले साल दिसंबर में दिग्गज गीतकार को समन जारी किया था. 78 वर्षीय बॉलीवुड हस्ती ने अपने वकील के माध्यम से समन के खिलाफ सत्र अदालत के समक्ष याचिका दायर की. दुबे ने कहा, “सेशन कोर्ट ने मुलुंड कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाने-माने लेखक जावेद अख्तर द्वारा दायर पुनरीक्षण आवेदन को खारिज कर दिया है.”
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि साक्षात्कार के दौरान आरोपी द्वारा दिए गए बयानों का उद्देश्य नागपुर मुख्यालय वाले हिंदुत्व संगठन को बदनाम करना और साथ ही उन लोगों को हतोत्साहित करना और गुमराह करना था जो आरएसएस में शामिल हो गए हैं या संगठन में शामिल होना चाहते हैं. अख्तर ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में विवादास्पद टिप्पणी की थी.