Post Office Saving Schemes: सैलरीड क्लास के लोग जो अभी भी पुरानी टैक्स व्यवस्था में बने रहना चाहते हैं, उनके लिए डाकघर की ऐसी बचत योजनाएं, जिनसे धारा 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट उठा सकते हैं.
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Post Office Saving Schemes: इन दिनों सभी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को ई मेल करके उनसे इनकम टैक्स डिक्लेयरेशन भरने के लिए बोल रहे हैं. ऐसे में जिन कर्मचारियों का कोई लोन इत्यादि नहीं है, तो वे न्यू टैक्स रिजीम का आसानी से चयन कर रहे हैं, जबकि जिनके पास क्लेम करमे के लिए होम लोन या और भी निवेश हैं, तो वे ओल्ड टैक्स रिजीम में बने हुए हैं. ऐसे में ओल्ड टैक्स रिजीम में जाने वाले लोगों के लिए पोस्ट ऑफिस की कई ऐसी बचत योजनाएं हैं जो आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर लाभ प्रदान करती हैं. यहां पर ऐसी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund or PPF)
यह एक लंबी अवधि निवेश योजना है जो धारा 80C के तहत कर लाभ प्रदान करती है. इस योजना में निवेश की अवधि 15 वर्ष होती है और इसमें निवेशकों को नियमित ब्याज दर मिलती है. इस योजना में निवेश की अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपये होती है.
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)
NSC एक निश्चित आय वाला निवेश विकल्प है, जिसकी परिपक्वता अवधि 5 वर्ष है. यह प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती प्रदान करता है. धारा 80C के तहत अर्जित ब्याज कर योग्य है, लेकिन कोई टीडीएस नहीं है.
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)
इस योजना में भी धारा 80C के तहत कर लाभ प्रदान किया जाता है. इस योजना के तहत केवल लड़कियों के नाम से खाता खोला जा सकता है जो उम्र में 10 साल से कम होती हैं. इस योजना में निवेश की अवधि 21 वर्ष होती है और इसमें निवेशकों को नियमित ब्याज दर मिलती है. इस योजना में निवेश की अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपये होती है.
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (Post Office Time Deposit)
यह योजना भी धारा 80C के तहत कर लाभ प्रदान करती है. इसमें निवेश करने पर नियमित ब्याज दर मिलती है जो निवेशक को निश्चित अवधि के बाद वापस मिलती है. इस योजना के निवेश की अवधि अलग-अलग होती है जैसे 1 साल, 2 साल, 3 साल आदि.
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
एससीएसएस डाकघर द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए दी जाने वाली बचत योजना है. इसमें 5 साल की लॉक-इन अवधि है और धारा 80C के तहत प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती प्रदान करता है. अर्जित ब्याज कर योग्य है, लेकिन कोई टीडीएस नहीं है.
यदि आप इनमें से किसी भी योजना में निवेश करते हैं, तो आप 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. आपकी कर योग्य आय से इस प्रकार आपकी कर देयता कम हो जाती है. हालांकि, विशिष्ट योजना और इसे नियंत्रित करने वाले नियमों और विनियमों के आधार पर कर लाभ भिन्न हो सकते हैं. हालांकि, धारा 80C के तहत कर-बचत निवेश पर विस्तृत जानकारी और सलाह के लिए हमेशा कर पेशेवर या वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सलाह दी जाती है.