EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर आपका पीएफ अकाउंट ओपन हुए पांच साल से ज्यादा का समय हो चुका है और आप अपनी जमा राशि में कुछ रकम निकालना चाहते हैं, तो फिर ऐसे मामले में आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है.
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प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ (PF) नौकरीपेशा लोगों के लिए सेविंग करने और मोटा फंड जुटाने का एक बड़ा जरिया है. नौकरी करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी का एक हिस्सा हर महीने पीएफ फंड में जमा होता है. सरकार जमा रकम पर सालाना आधार पर ब्याज देती है. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 8.15 फीसदी का ब्याज तय किया है. पीएफ अकाउंट होल्डर जरूरत पड़ने पर अपने खाते में जमा पैसे को आसानी से निकाल सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पैसे की निकासी पर टैक्स भी देना होता है? आइए समझते हैं…
रिटायरमेंट के बाद पैसे निकालने की सलाह पीएफ अकाउंट (PF Account) को आमतौर पर रिटायरमेंट प्लान के तौर पर लेना बेहतर होता है. एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि Provident Fund से पैसा रिटायरमेंट होने के बाद ही निकालना चाहिए. ऐसा इसलिए की आपको एकमुश्क मोटी रकम मिलती है, जो आपकी किसी भी तरह की वित्तीय परेशानी में मददगार होती है. हालांकि, कई बार स्थितियां ऐसी बन जाती हैं, कि आपको अपने पीएफ अकाउंट से पैसा निकालकर जरूरतों को पूरा करना होता है. कुछ मामलों में पीएफ से की गई निकासी पर टैक्स भी देना होता है.
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5 साल से पहले निकासी पर टैक्स
EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर आपका पीएफ अकाउंट ओपन हुए पांच साल से ज्यादा का समय हो चुका है और आप अपनी जमा राशि में कुछ रकम निकालना चाहते हैं, तो फिर ऐसे मामले में आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. वहीं अगर आपके अकाउंट को पांच साल का समय नहीं हुआ है, तो आपके द्वारा निकाली गई रकम पर टैक्स काटा जाएगा. हालांकि, ये टैक्स टीडीएस (TDS) की तरह काटा जाता है. इस कटौती के लिए भी ईपीएफओ ने नियम तय कर रखे हैं. इनके अनुसार, अगर पीएफ अंशधारक का पैन कार्ड (Pan Card) उसके अकाउंट से लिंक है तो 10 फीसदी, जबकि लिंक न होने पर 20 फीसदी TDS कटता है.
इन मामलों में नहीं कटता है टैक्स
कुछ मामलों में पांच साल से पहले भी की गई पीएफ के पैसों की निकासी पर टैक्स देय नहीं होता है. दरअसल, अगर कोई कर्मचारी का स्वास्थय खराब होने के कारण इस तय अवधि से पहले नौकरी छोड़ देता है और अपने पीएफ का पैसा निकालता है तो ऐसे मामले में उसे टैक्स नहीं देना होगा. इसके अलावा अगर कोई कंपनी बंद हो जाए, तो उसके कर्मचारी को पीएफ से पैसे निकालने पर टैक्स नहीं देना होता है. इसके अलावा अगर आपने पांच साल पूरा होने से पहले अपनी नौकरी बदल ली है और उस पीएफ अकाउंट को नई कंपनी के पीएफ खाते के साथ मर्ज करा रहे हैं, तो ये भी बिल्कुल टैक्स फ्री होता है.
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घर या प्लॉट खरीदने के लिए एडवांस
EPFO ने अपनी योजना में प्लॉट खरीदने, घर निर्माण या खरीदने के लिए आपके पीएफ खाते से हाउस बिल्डिंग एडवांस का प्रावधान किया है. जिस ईपीएफ सदस्य ने अपनी सदस्यता के पांच साल पूरे कर लिए हैं. उसके खाते में ब्याज सहित हिस्से में कम से कम एक हजार रुपये हो. इस एडवांस के तहत वो अपने खाते से पैसे की निकासी कर सकता है. प्लॉट खरीदने के लिए 24 महीने का वेतन डीए सहित या ईपीएफ खाते में ब्याज सहित कुल जमा राशि और प्लॉट का वास्तविक मूल्य. इनमें से जो भी कम हो मिल सकता है.
कितनी होती है कटौती?
किसी कर्मचारी की सैलरी से 12 फीसदी की कटौती ईपीएफ अकाउंट के लिए होती है. एम्प्लॉयर की तरफ से एम्पलाई की सैलरी में की गई कटौती का 8.33 फीसदी ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में, जबकि 3.67 फीसदी ईपीएफ में पहुंचता है. आप घर बैठे आसान तरीकों से अपने पीएफ खाते का मौजूदा बैलेंस चेक कर सकते हैं. इसके लिए कई ऑप्शन दिए गए हैं.