How To Save Tax- आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत होम लोन के चुकाए गए ब्याज पर टैक्स छूट ली जा सकती है. यह छूट अंडर कंस्ट्रक्शन मकान हेतु लिए लोन के ब्याज पर भी मिलती है.
नई दिल्ली. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filig) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. आईटीआर में दी गई जानकारी के अनुसार ही हमारी टैक्स देनदारी तय होती है और हमें टैक्स छूट मिलती है. इसलिए आईटीआर भरते वक्त सभी आवश्यक जानकारी जुटा लेनी चाहिए और आयकर अधिनियम में दी गई सभी टैक्स छूट और कटौतियों के बारे में जान लेना चाहिए. अगर आपने होम लोन लिया है, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत होम लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट (Home Loan Tax Deductions) ले सकते हैं. खास बात यह है कि यह छूट निर्माणाधीन मकान के लिए चुकाए ब्याज पर भी मिलती है.
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आप मकान का कब्जा लेने के बाद इस छूट का दावा कर सकते हैं. बस, ध्यान देने वाली बात यह है कि धारा 24 (बी) के तहत छूट आप पुरानी कर व्यवस्था अपनाकर आईटीआर भरेंगे तभी मिलेगी. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि मकान का कब्जा मिलने के 5 साल तक आयकरदाता इस छूट के लिए दावा कर सकता है. लेकिन, अगर होम लोन पर एक वित्तीय वर्ष में 2 लाख रुपये से ज्यादा ब्याज चुकाया गया है, तो आप इस छूट के हकदार नहीं होंगे.-
कब्जा होना जरूरी
खास बात यह है कि धारा 24 (बी) के तहत छूट हासिल करने के लिए करदाता के पास मकान का कब्जा होना जरूरी है. कब्जा मिलने के बाद आयकरदाता मकान बनने के दौरान होम लोन के चुकाए गए ब्याज पर छूट प्राप्त कर सकता है. अगर किसी टैक्सपेयर्स ने मकान का कब्जा मिलने से पहले 4 लाख रुपये ब्याज के रूप में चुकाए हैं और उसे आयकर निर्धारण वर्ष में 1 लाख रुपये होम लोन के ब्याज का भुगतान करना है, तो धारा 24(बी) के अनुसार, वह व्यक्ति इस 1 लाख के साथ ही 80 हजार रुपये (₹4 लाख / 5) अतिरिक्त ब्याज भुगतान पर भी छूट का दावा कर सकता है.
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इस तरह वह अगले पांच वर्षों तक मकान बनने के दौरान चुकाए गए ब्याज पर छूट प्राप्त कर सकता है. इसलिए, धारा 24 (बी) का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, टैक्सपेयर को असेसमेंट ईयर में होम लोन पर चुकाए गए लोन को देखना होगा और फिर उसमें मकान का कब्जा मिलने से पहले चुकाए गए पूरे ब्याज को उसमें जोड़ देना है. कब्जा मिलने के पांच साल तक 5 किस्तों में हर साल चुकाए जा रहे ब्याज में पिछले ब्याज को मिलाकर छूट का दावा किया जा सकता है.