सरकार की ओर से हाल ही में विदेश में क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले खर्च पर 20 प्रतिशत TCS लगाने का फैसला किया है। आइए जानते हैं टीसीएस क्या होता है और इसे क्यों लगाया गया है।
ये भी पढ़ें–कहीं 10 लाख… कहीं 5000 रुपये का, जानिए किस देश में चलता है सबसे बड़ा नोट
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल के दिनों में आपने टीसीएल (TCS)की काफी चर्चा सुनी होगी। सरकार की ओर से विदेश में क्रेडिट के जरिए होने वाले लेनदेन पर टीसीएस 20 प्रतिशत लगाया गया है। आज हम अपनी रिपोर्ट में जानेंगे कि आखिर टीसीएस क्या होता है।
ये भी पढ़ें– RBI on Rs 2000 Note Withdrawal: 2000 के नोट बदलने को लेकर ये 5 कंफ्यूजन, आपके मन में भी है ऐसा ही कोई सवाल?
क्या होता है टीसीएस? (What is TCS)
टीसीएस एक प्रकार का टैक्स होता है, जो कि सरकार की कुछ वस्तुओं पर लगाया जाता है। ये वस्तु खरीदने वाले की ओर से विक्रेता को चुकाया जाता है और विक्रेता को सरकार के पास जमा करना होता है। वस्तु खरीदने के साथ ही टैक्स काट लिया जाता है। इस वजह से टैक्स कलेक्टेड एट द सोर्स (Tax Collected at the Souce – TCS) कहा जाता है।
विदेश में खर्च पर लगेगा TCS?
सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक, अब विदेश में क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले खर्च पर 20 प्रतिशत टीसीएस लगेगा। क्रेडिट कार्ड कंपनी को विदेश में किए जाने वाले खर्च पर लगने वाले टीसीएस को सरकार के पास जमा करना होगा।
ये भी पढ़ें– Gold-Silver Price Today: सोना हुआ सस्ता, चांदी के भी घट गए दाम, जानें आज क्या है गोल्ड-सिल्वर का रेट
बता दें, विदेश में क्रेडिट कार्ड पर टीसीएस लगाने का सरकार का उद्देश्य गैरकानूनी ट्रांसफर को कम करना और टैक्स रेवेन्यू को बढ़ाना है। हालांकि, विदेश यात्रा करने वाले लोगों पर इसका भार बढ़ेगा और उन्हें पहले के मुकाबले अधिक राशि की आवश्यकता होगी।
क्या आईटीआर में क्लेम करते सकते हैं TCS?
टीसीएस को खरीदार सेकिसी विशेष वस्तु से खरीदने पर लिया जाता है। आईटीआर फाइल करते समय इसे खरीदार की टैक्स योग्य राशि में से घटा दिया जाता है।
ये भी पढ़ें– आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की मार! जानिए वित्त मंत्रालय ने दिए क्या संकेत, पूरी डिटेल
क्या है होता है TDS और TCS में अंतर (Difference Between TDS and TCS)
टीडीएस किसी व्यक्ति को वेतन, किराया और पेशेवर को फीस आदि के भुगतान के समय काटा जाता है, जबकि टीसीएस कबाड़, लकड़ी, तेंदू के पत्ते की बिक्री पर सेलर की ओर से काटा जाता है।