रूस से सस्ते कच्चे तेल की पहली खेप कराची बंदरगाह पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह जानकारी दी है। पाकिस्तान में जारी महंगाई और तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच यह राहत की बड़ी खबर है। बता दें कि पाकिस्तान भारी कर्ज और लगातार उसकी मुद्रा में आ रही गिरावट से जूझ रहा है। ऐसे में रूस से पहली खेप के रूप में 45 हजार मीट्रिक टन कच्चा तेल सस्ते दामों में मिलना किसी वरदान से कम नहीं है। वहीं यह भारत के लिए बड़ा झटका है क्योंकि रूस और भारत के संबंध मजबूत रहे हैं। हालांकि, चीन के कहने पर अब रूस ने पाकिस्तान को भी कच्चे तेल की खेप भेजी है, जो कि भारत के हितों के लिए चुनौती पेश करने वाली बात है।
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पाकिस्तान के पीएम ने जताई खुशी
रूस से सस्ते तेल की पहली खेप के कराची पहुंचने पर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने खुशी जताई और ट्वीट कर लिखा कि ‘मैंने देश से किया अपना एक और वादा पूरा कर दिया है। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि रूस के सस्ते तेल की पहली खेप कराची पहुंच चुकी है और कल से उसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। यह एक बदलाव का दिन है। हम समृद्धि, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं।’ पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि ‘यह रूस और पाकिस्तान के बीच नए रिश्तों की शुरुआत है।’
अगर सबकुछ सही रहता है तो पाकिस्तान, रूस से हर दिन एक लाख बैरल तेल की खरीद कर सकता है। पाकिस्तान में इन दिनों एक लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 262 पाकिस्तानी रुपए है। रूस से सस्ता तेल मिलने से पाकिस्तान के आम उपभोक्ताओं को महंगाई से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
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दिसंबर 2022 से चल रही थी बातचीत
पाकिस्तान और रूस के बीच सस्ते तेल की खरीद के लिए बीते साल दिसंबर से बातचीत चल रही थी। पहले रूस ने 30 प्रतिशत डिस्काउंट पर पाकिस्तान को सस्ता तेल देने से मना कर दिया था लेकिन बाद में जनवरी में रूस और पाकिस्तान के बीच फिर बातचीत हुई और अप्रैल में पाकिस्तान ने अपना पहला ऑर्डर दिया। बीते साल पाकिस्तान ने 154000 बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा। इसमें से 80 प्रतिशत खरीद सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों से की गई थी। अब पाकिस्तान रूस से एक लाख बैरल तेल प्रतिदिन खरीद सकता है। वहीं चीन और भारत के बाद पाकिस्तान रूस के तेल का सबसे बड़ा खरीददार बनकर उभरा है।
भारत के लिए झटका
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रूस और पाकिस्तान के बीच कच्चे तेल की यह डील भारत के लिए झटका है। दरअसल भारत और रूस के संबंध मजबूत रहे हैं, जिसके चलते रूस ने पाकिस्तान से एक दूरी बनाकर रखी थी, इसकी वजह पाकिस्तान का अमेरिका के करीब भी होना था। लेकिन बदलते वैश्विक परिदृश्य में अब जहां भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हो रहे हैं, वहीं पाकिस्तान चीन के खेमे में जा चुका है। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अलग-थलग पड़ गया है। यही वजह है कि रूस और पाकिस्तान भी करीब आते दिख रहे हैं।