MPL Layoff: बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप में लगभग एक साल में यह दूसरी बार छंटनी है. इसने मई 2022 में 100 से अधिक लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया था. अब 350 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है.
नई दिल्ली. भारत का लोकप्रिय ऑनलाइन गेमिंग मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) 350 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है, जो उसके भारतीय वर्कफोर्स का लगभग 50 प्रतिशत है. कंपनी ने इस छंटनी के लिए ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी रेट्स में होने वाली बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया है. इस खबर को मनीकंट्रोल ने रिपोर्ट किया. बता दें कि कुछ हफ्तों पहले ही भारत सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेम्स पर 28 फीसदी टैक्स की घोषणा की थी. जिसका असर MPL की वर्कफोर्स पर देखने को मिल रहा है.
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एमपीएल के फाउंडर और CEO साई श्रीनिवास और शुभ मल्होत्रा ने कर्मचारियों को ईमेल द्वारा सूचित किया. 8 अगस्त को कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा कि 28 फीसदी जीएसटी में बढ़ोतरी के चलते हम पर टैक्स के बोझ में 350 से 400 फीसदी की बढ़ोतरी आएगी. इसके चलते कंपनी को कठोर निर्णय लेने के जरिए मजबूर होना पड़ा है. गेमिंग प्लेटफॉर्म वर्तमान में प्लेटफॉर्म शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करते हैं.
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मई 2022 में भी की थी छंटनी
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप MPL में लगभग एक साल में यह छंटनी का दूसरा दौर है. उन्होंने मई 2022 में 100 से ज्यादा लोगों की छंटनी की थी और इंडोनेशियाई बाजार से एक्जिट हो गया था. साई श्रीनिवास ने कहा कि एक डिजिटल कंपनी के रूप में, हमारे वैरिएबल खर्च में मुख्य रूप से कर्मचारी, सर्वर और ऑफिस स्पेस शामिल होते हैं. इसलिए, हमें कंपनी को जिंदा रखने के लिए इन खर्चों को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि बिजनेस बरकरार रह सके.
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1 अक्टूबर 2023 से लागू 28% GST
साई श्रीनिवासन ने कहा कंपनी का मुख्य खर्च कर्मचारियों के अलावा सर्वर और ऑफिस इंफ्रास्ट्रक्चर है जिसे खर्च घटाने के लिए कम करना बेहद जरुरी है. दरअसल 11 जुलाई, 2023 को जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का ऐलान कर दिया जो 1 अक्टूबर 2023 से लागू होने जा रहा है. जबकि ऑनलाइम गेमिंग कंपनियों ने प्रधानमंत्री से लेकर वित्त मंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था.