Income Tax Slab: देश में कई लोग सैलरी पर काम करते हैं और लोगों की सैलरी टैक्सेबल भी हो सकती है. ऐसे में लोगों को अपनी सैलरी पर टैक्स भी चुकाना पड़ता है. वहीं सैलरी पर कितना टैक्स चुकाया जाना है, इसके लिए अलग-अलग स्लैब भी बने हुए हैं. लोगों को अलग-अलग टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है. हालांकि कुछ उपायों के जरिए इनकम टैक्स से छूट भी हासिल की जा सकती है.
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टैक्स सेविंग
अगर आपकी सैलरी बढ़ी हुई है और इनकम टैक्स स्लैब में आती है तो आपको टैक्स सेविंग के उपायों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. अगर आप इस साल टैक्स सेविंग के उपाय करेंगे तो ही अगले साल जब इनकम टैक्स रिटर्न भरने का वक्त आएगा तो टैक्स सेविंग कर पाएंगे. ऐसे में आपको इस साल ऐसे इंवेस्टमेंट करने चाहिए, जिससे टैक्स बचाया जा सके.
टैक्स स्लैब
वर्तमान में अगर आप पुराने टैक्स स्लैब से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं तो टैक्स सेविंग स्कीम से फायदा उठा सकते हैं. पुराने टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपये सालाना की इनकम तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये सालाना की इनकम तक 5 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. वहीं 5 लाख रुपये से 10 रुपये तक की सालाना इनकम पर 20 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा. वहीं अगर किसी की इनकम 10 लाख रुपये सालाना से ज्यादा है तो उनको 30 फीसदी रिटर्न चुकाना होगा.
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टैक्स सेविंग
वहीं अगर अगर साल टैक्स बचाना है तो टैक्स सेविंग स्कीम में इंवेस्टमेंट करना होगा, तभी टैक्स बचा पाएंगे. टैक्स सेविंग के लिए नीचे बताई गई स्कीम में इंवेस्टमेंट किया जा सकता है.
– Unit Linked Insurance Plan (ULIP)
– Sukanya Samriddhi Yojana (SSY)
– Public Provident Fund (PPF)
– Employee Provident Fund (EPF)
– Senior Citizen Saving Scheme (SCSS)
– National Pension Scheme (NPS)
– National Savings Certificate (NSC)
– ELSS Fund
– Life Insurance