खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ बताने वाली ट्रूडो सरकार चौतरफा घिर चुकी है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का बड़बोलापन और खालिस्तान प्रेम अब वहां के किसानों पर भारी पड़ रहा है। वैश्विक पटल पर इस बात की चर्चा है कि ट्रूडो ने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए कनाडा के राष्ट्रीय हित को ताक पर रख दिया है। दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में खटास के संकेत दिखने लगे हैं, जिससे यकीनन कनाडा को नुकसान हो रहा है। दोनों देशों के उद्योग सूत्रों का कहना है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विवादित बयान के बाद भारत में कनाडाई दाल की बिक्री धीमी हो गई है। ऐसा आशंका है भारत और कनाडा के बीच बिगड़े रिश्ते दोनों देशों के व्यापार को और सीमित न कर दें।
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कनाडा भारत के लिए दाल का मुख्य आयात स्रोत है। भारत में दाल की खरीद कम होने से कनाडा के किसानों को फसल के दौरान मिलने वाली कीमतों में कमी आने की संभावना है। ऐसा अनुमान है कि इस तरह के कदम से भारत की घरेलू खाद्य कीमतें भी बढ़ सकती हैं, जो अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव से पहले सत्तारूढ़ पार्टी के लिए सिरदर्दी भरा होगा।
एक प्रमुख आयातक ओलम एग्री इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा, “उद्योग के अधिकारी चिंतित हैं कि दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव के कारण सरकारों द्वारा व्यापार प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।” स्थिति की संवेदनशीलता के कारण नाम न छापने की शर्त पर भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “भारत की ऐसी कोई योजना नहीं है और भारत ने आयातकों को खरीदारी से परहेज करने का निर्देश नहीं दिया है।”
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दोनों देशों के बीच तल्ख रिश्तों के देखते हुए भारत सरकार ने कनाडाई लोगों को वीजा जारी करना निलंबित कर दिया है। दोनों देशों ने एकदूसरे के देशों से राजनयिकों को वापस बुला लिया है। हालांकि, कनाडा के वैश्विक मामलों के विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कनाडा फिलहाल ऐसा कोई कदम नहीं उठा रहा है जिससे भारत के साथ व्यापार पर सीधा असर पड़े।
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दाल का बड़ा खरीदार है भारत
भारत के व्यापार मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च को समाप्त हुए भारत के 2022/23 वित्तीय वर्ष के दौरान 370 मिलियन डॉलर मूल्य के 4,85,492 मीट्रिक टन के शिपमेंट के साथ कनाडा भारत को मसूर दाल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था, जो भारत के कुल मसूर आयात के आधे से अधिक की हिस्सेदारी थी। व्यापार मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल से जुलाई तक भारत में कनाडाई दाल का आयात एक साल पहले की तुलना में 420% बढ़कर 1,90,784 टन हो गया है।