आज से मुंबई में मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक मुंबई में शुरू हो गई है. यह संभवना जताई जा रही है कि इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा. नतीजे शुक्रवार को जारी होंगे.
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन चलने वाली बैठक बुधवार को शुरू हुई. यह माना जा रहा है कि MPC इस बार भी नीतिगत रेट में कोई बदलाव नहीं कर सकती है. इसका प्रमुख कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी (Gross Domestic Product) ग्रोथ रेट का उम्मीद से अधिक होना और मुद्रास्फीति में नरमी है.
RBI ने पिछली चार मौद्रिक नीति समीक्षाओं में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. अंतिम बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था. इसके साथ रूस-यूक्रेन युद्ध और उसके कारण ग्लोबल सप्लाई बाधित होने से महंगाई बढ़ने के कारण मई, 2022 से शुरू हुआ नीतिगत रेट में ग्रोथ का सिलसिला एक तरह से थम गया.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास छह सदस्यीय MPC के निर्णय की घोषणा आठ दिसंबर को करेंगे.
MPC से अपेक्षा के बारे में इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में जीडीपी आंकड़ा मौद्रिक नीति समिति के पिछले अनुमान से अधिक रहा है. हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति से संबद्ध विभिन्न पहलुओं को लेकर चिंता बनी हुई है.
उन्होंने कहा कि इन सबको देखते हुए हमारा अनुमान है कि MPC दिसंबर, 2023 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत रेट को यथावत रख सकती है. हालांकि, मौद्रिक नीति का रुख आक्रामक हो सकता है. डॉयचे बैंक रिसर्च के अनुसार, RBI 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर सकता है जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 5.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखे जाने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि RBI संभवतः रेपो रेट और रुख को अपरिवर्तित रखेगा. साथ ही नकदी की स्थिति को सख्त बनाये रख सकता है. RBI यह सुनिश्चित करेगा कि अल्पकालिक रेट 6.85-6.90 प्रतिशत के आसपास बनी रहे.
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मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग, और सर्विस सेक्टर के बेहतर प्रजेंटेशन के साथ देश की आर्थिक ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत थी. इसके साथ भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तीव्र आर्थिक ग्रोथ रेट हासिल करने वाला देश बना हुआ है.
एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि कुछ समय से RBI लगातार नीतिगत रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखे हुए है. यह आर्थिक परिदृश्य को लेकर RBI के भरोसे को रेट्शाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए इस बार भी उम्मीद है कि RBI रेपो रेट को स्थिर रखेगा, इससे संभावित घर खरीदारों को लाभ होगा.’’
बता दें, मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुरेटा मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 4.87 प्रतिशत रही. MPC ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में खुरेटा मुद्रास्फीति 2023-24 में 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
सरकार ने RBI को रीटेल इन्फ्लेशन दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.
अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा कि अपनी पिछली घोषणाओं में RBI ने रेपो रेटों को यथावत रखा है, जो रियल एस्टेट कंपनियों और खरीदारों के लिए सकारात्मक रुख का संकेत देता है.
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हम इस बैठक के बाद भी केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो रेट बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं. स्थिर ब्याज रेट घर खरीदारों को रियल एस्टेट की ओर आकर्षित करेंगी.