Post Office Investment Scheme: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में 10,000 रुपये का निवेश करके परिपक्वता पर 16 लाख रुपये प्राप्त कर सकते हैं.
Post Office Investment Scheme: किसी भी निवेश से जुड़ा जोखिम एक बड़ा कारक होता है. ऐसे में हर कोई ऐसी जगह निवेश करना चाहता है, जहां उसका पैसा सुरक्षित रहे और उसे अच्छा रिटर्न भी मिले. इक्विटी मार्केट में जोखिम अधिक होता है, इसलिए रिटर्न भी अन्य निवेश उत्पादों की तुलना में अधिक होता है. लेकिन हर किसी में जोखिम लेने की क्षमता नहीं होती. इसलिए अगर आप ऐसा निवेश चाहते हैं, जहां अच्छा मुनाफा हो, तो पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स (Post Office Schemes) आपके लिए काफी अच्छी हैं
सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश कर रहे लोगों के लिए डाकघर की छोटी बचत योजनाएं सबसे अच्छा विकल्प हो सकती हैं. इसमें रिस्क फैक्टर कम है और रिटर्न भी अच्छा है.
डाकघर आरडी जमा खाता बेहतर ब्याज दरों के साथ छोटी किश्तों को जमा करने की सरकार द्वारा गारंटीकृत योजना है. इसमें आप महज 100 रुपये की छोटी राशि से निवेश शुरू कर सकते हैं. निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, आप जितना चाहें उतना पैसा निवेश कर सकते हैं.
इस योजना के लिए खाता पांच साल के लिए खोला जाता है. हालांकि, बैंक छह महीने, 1 साल, 2 साल, 3 साल के लिए आवर्ती जमा खातों की सुविधा प्रदान करते हैं. जमा किए गए पैसे पर ब्याज की गणना हर तिमाही (वार्षिक दर पर) की जाती है और इसे हर तिमाही के अंत में आपके खाते में (चक्रवृद्धि ब्याज सहित) जोड़ा जाता है.
वर्तमान में आवर्ती जमा योजना पर 5.8 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त किया जा सकता है, यह नई दर 1 अप्रैल 2020 से लागू है. भारत सरकार हर तिमाही में अपनी सभी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें तय करती है.
अगर आप 10 साल के लिए पोस्ट ऑफिस आरडी स्कीम में हर महीने 10,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो आपको 10 साल बाद 5.8% की दर से 16 लाख रुपये से ज्यादा मिलेंगे.
गौरतलब है कि खाते में आपको नियमित रूप से पैसा जमा करते रहना होगा, अगर आप पैसा जमा नहीं करते हैं तो आपको हर महीने एक प्रतिशत का जुर्माना देना होगा. 4 किस्त छूटने के बाद आपका खाता बंद कर दिया जाता है.
आवर्ती जमा में निवेश पर टीडीएस काटा जाता है, यदि जमा राशि 40,000 रुपये से अधिक है तो 10% प्रति वर्ष की दर से कर लगाया जाता है. आरडी पर अर्जित ब्याज भी कर योग्य है, लेकिन पूरी परिपक्वता राशि पर कर नहीं लगता है. जिन निवेशकों की कोई कर योग्य आय नहीं है, वे फॉर्म 15G दाखिल करके टीडीएस छूट का दावा कर सकते हैं, जैसा कि एफडी के मामले में होता है.