All for Joomla All for Webmasters
समाचार

भारत में भी एप्पल के खिलाफ जांच शुरू

Apple

भारत में कंपनियों के बीच प्रतिद्वंद्विता की निगरानी करने वाली संस्था कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने अमेरिकी टेक कंपनी एप्पल के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.सीसीआई का कहना है कि शुरुआती छानबीन से लगता है कि एप्पल ने स्पर्धारोधी कानूनों का उल्लंघन किया. सीसीआई का आदेश एक स्वयंसेवी संस्था की शिकायत के आधार पर आया है. ‘टुगेदर वी फाइट सोसायटी’ नामक इस संस्था ने पिछले साल शिकायत की थी कि ऐप बाजार में अपनी प्रभुत्व का एप्पल फायदा उठा रही है और डेवेलपर्स को अपना सिस्टम इस्तेमाल करने पर मजबूर कर रही है. संस्था की दलील थी कि एप्पल की खरीदकर इस्तेमाल किए जाने वाली डिजिटल सामग्री पर 30 प्रतिशत इन-ऐप फीस और अन्य पाबंदियां प्रतिस्पर्धा के लिए हानिकारक हैं क्योंकि इससे ऐप डेवेलपर्स की लागत बढ़ जाती है और ग्राहकों की कीमत भी. शिकायत में आरोप लगाया गया कि इससे बाजार में प्रवेश करने में भी बाधा पैदा होती है. एप्पल की दलील सीसीआई ने कहा कि पहली नजर में एप्पल की पाबंदियां संभावित ऐप डेवेलपर और डिस्ट्रीब्यूटर के रास्ते की बाधा प्रतीत होती हैं.

कमीशन ने कहा, “इस चरण में कमीशन आश्वस्त है कि प्रथम दृष्टया एप्पल के खिलाफ जांच का मामला बनता है.” एप्पल ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है. एप्पल ने पिछले महीने ही सीसीआई में अपना पक्ष दाखिल किया था. कंपनी ने आरोपों को नकारते हुए कहा था कि भारतीय बाजार में उसका हिस्सा मात्र 0-5 प्रतिशत है, इसलिए इस शिकायत को खारिज कर दिया जाना चाहिए. लेकिन सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि एप्पल का बाजार में हिस्सेदारी का दावा पूरी तरह दिगभ्रमित करने वाला है क्योंकि शिकायत ऐप डेवेलपरों पर लगी पाबंदियों के बारे में है ना कि उपभोक्ताओं के बारे में. यूरोपीय संघ में भी जांच एप्पल पर ऐसा ही मामला यूरोपीय संघ में भी चल रहा है.

ऐसी ही शिकायतों के आधार पर यूरोपीय संघ ने 2020 में एप्पल के खिलाफ जांच शुरू की थी. यूरोपीय कमीशन ने कहा था कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या एप्पल ने ऐप डेवेलपरों को अपना इन-ऐप खरीददारी सिस्टम इस्तेमाल करने को मजबूर किया. यूरोपीय संघ में की जा रही जांच में इस पहलू पर भी गौर किया जा रहा है कि क्योंकि एप्पल ने ऐसे नियम बनाए कि ऐप बनाने वाले ग्राहकों को सस्ता विकल्प ना दे पाएं. यह जांच स्वीडन की एक म्यूजिक स्ट्रीमिंग सेवा देने वाली ऐप स्पॉट.एन की शिकायत पर शुरू की गई थी. इसमें कहा गया था कि एप्पल अपनी म्यूजिक सेवा एप्पल म्यूजिक के प्रतिद्वन्द्वियों को रोकने के लिए ऐसे नियम लागू किए हुए है.

गूगल की भी जांच सीसीआई ने अपने जांचकर्ताओं को आदेश दिया है कि 60 दिन के भीतर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट दाखिल करें. आमतौर पर ऐसी जांच में महीनों लग जाते हैं. सीसीआई ऐसी ही जांच गूगल के इन-ऐप पेमेंट सिस्टम के बारे में भी कर रही है, जो भारत की कुछ स्टार्टअप कंपनियों द्वारा चिंताएं जताने के बाद शुरू हुई थी. 2020 में यह जांच शुरू हुई थी. नवंबर 2020 में जारी एक आदेश में सीसीआई ने कहा था कि गूगल के कुछ स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के साथ समझौतों की जांच की जा रही है क्योंकि ऐसी आशंका है कि ये फोन पहले से ही गूगल पे ऐप के साथ बिकते हैं जो प्रतिस्पर्धा के लिए नुकसानदायक हो सकता है. वीके/एए (रॉयटर्स).

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top