सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन पर रोक लगाई है. ऐसे में राज्य सरकार अपनी पदोन्नति पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है.
प्रमोद शर्मा/भोपालः प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार जल्द बड़ा फैसला ले सकती है. बता दें कि इस मुद्दे पर आज मंत्री समूह की भोपाल में बैठक हुई. बैठक खत्म होने के बाद सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने बताया कि कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ देने के लिए प्रदेश सरकार स्टेट प्रमोशन पॉलिसी पर मंथन कर रही है.
बता दें कि आज हुई मंत्री समूह की बैठक में भी सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो पाया. जिसके बाद अब 8 फरवरी को शाम 4 बजे फिर से इस मुद्दे पर मंत्री समूह की बैठक होगी. उम्मीद की जा रही है कि आगामी बैठक में कर्मचारियों के प्रमोशन पर अहम फैसला हो सकता है. अरविंद भदौरिया ने बताया कि कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिलाने के लिए कर्मचारियों के संगठन अजाक्स और सपाक्स से चर्चा की जा रही है. सभी की सहमति लगभग बन गई है लेकिन अभी भी कुछ बिंदुओं पर सहमति बननी बाकी है, जो जल्द बना ली जाएगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन पर रोक लगाई है. ऐसे में राज्य सरकार अपनी पदोन्नति पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है.
कई साल से रुकी है पदोन्नति
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते कई सालों से पदोन्नति की प्रक्रिया रुकी हुई है. दरअसल साल 2016 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) अधिनियम 2002 को खारिज करते हुए पदोन्नति पर रोक लगा दी थी. बता दें कि इस अधिनियम में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का प्रावधान था.
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले की सुनवाई पूरी होने तक यथास्थिति रखने के निर्देश दिए थे. जिसके चलते तभी से ही मध्य प्रदेश में पदोन्नति रुकी हुई है. इस दौरान करीब 65 हजार कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही रिटायर हो गए हैं. कर्मचारियों की तरफ से पदोन्नति की मांग की जा रही है.