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वर्क फ्रॉम ऑफिस होगा 12 घंटे, घट जाएगी हाथ में आने वाली सैलरी, साल 2022 से मोदी सरकार लागू करेगी लेबर कोड के नए नियम

Labour Code Rules: मोदी सरकार इसी साल से श्रम कानून सुधार लागू करना चाहती है

Labour Code Rules: मोदी सरकार इसी साल से श्रम कानून सुधार लागू करना चाहती है। श्रम सुधारों को लागू करने में हो रही देरी के बावजूद केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय 2022 में चार श्रम संहिताओं को लागू करने पर विचार कर रहा है और साथ ही गिग (Gig) और प्लेटफॉर्म वर्कर (Platform worker) के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कल्याण तंत्र पर काम कर रहा है।

केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने मनीकंट्रोल डॉट कॉम को बताया कि मंत्रालय लेबर कोड लागू करने से पहले हर राज्य को साथ ले जाने की कोशिश कर रहा था। इनफॉर्मल सेक्टर के कर्मचारियों को असंगठित सेक्टर के डेटाबेस के साथ जोड़ने का काम भी कर रहा है। ताकि, उन्हें भी पेंशन जैसी सुविधा का लाभ मिल सके।

रामेश्वर तेली ने कहा कि हम सभी राज्यों से लगातार बात कर रहे हैं। ज्यादातर सभी बोर्ड पर हैं और वह नए ड्राफ्ट रूल बना रहे हैं। कुछ राज्य इस पर हमारे साथ विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी कोई बड़ी स्कीम या प्रोग्राम आएगा तो सभी को साथ लेकर चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी डेडलाइन देना मुश्किल है, लेकिन ऐसी उम्मीद है कि चारों लेबर कोड साल 2022 तक लागू कर दिये जाएंगे।

भारत में 29 सेंट्रल लेबर कानून को 4 कोड में बांटा गया है। कोड के नियमों में वेतन, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध (Industrial Relations) और व्यवसाय सुरक्षा (Occupation Safety) और स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति आदि जैसे 4 लेबर कोड शामिल है। अभी तक 13 राज्यों ने इन ड्राफ्ट कानूनों को तैयार कर लिया है।

संसद द्वारा इन चार संहिताओं को पारित किया जा चुका है, लेकिन केंद्र के अलावा राज्य सरकारों को भी इन संहिताओं, नियमों को अधिसूचित करना जरूरी है। उसके बाद ही ये नियम राज्यों में लागू हो पाएंगे। ये नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होने थे लेकिन राज्यों की तैयारी पूरी नहीं होने के कारण इन्हें टाल दिया गया।

श्रम कानून लागू होने से आएंगे ये बदलाव

हाथ में आने वाला वेतन घट जाएगा

श्रम कानून लागू होने से कर्मचारियों के हाथ में आने वाला वेतन घट जाएगा और कंपनियों को ऊंचे पीएफ दायित्व का बोझ उठाना पड़ेगा। नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन का स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ जाएगा क्योंकि इसमें जानें वाला पैसा बेसिक सैलरी के अनुपात में होता है। अगर ऐसा होता है जो आपके घर आने वाली सैलरी घट जाएगी रिटायरमेंट पर मिलने वाला PF और ग्रेच्युटी का पैसा बढ़ जाएगा।

4 दिन की हो जाएगी नौकरी

नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव है। हालांक, 12 घंटे काम करने पर आपको हफ्ते में 4 दिन काम करना होगा और 3 दिन की छुट्टी मिलेगीष कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने की मनाही है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का रेस्ट देना होगा।

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