लखनऊ में चौक खंड के मेहताबबाग में बिजली विभाग ने जो अस्थायी कनेक्शन जारी किया था। इसमें अभियंताओं ने मिलीभगत करते हुए स्थायी कनेक्शन जारी कर दिया। अब इन मामलों की जांच शुरू हो गई है और दोषियों को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बिजली विभाग के अभियंताओं ने मिलीभगत करके राजस्व को खूब चोट पहुंचाई है। पिछले चार सालों में दर्जनों बिजली कनेक्शन जो अस्थायी जारी किए गए थे, उनकी पीडी यानी स्थायी विच्छेदन दिखाते हुए मिलीभगत करते हुए कम पैसा जमा कराया गया और फिर नया कनेक्शन उसी परिसर में मानकाें की अनदेखी करते हुए जारी कर दिया गया। अब इन मामलों की जांच शुरू हो गई है और ऐसे दोषियों को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है, जिन्होंने अपने कनिष्ठों व वरिष्ठों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की राजस्व चोट पहुंचाई।
सूत्रों के मुताबिक, चौक खंड के मेहताबबाग में अस्थायी कनेक्शन संख्या 285 नदीम हुसैन, 83 हुसैनाबाद चौक के नाम 11 दिसंबर 2015 से 14 फरवरी 2016 तक जारी किया गया। इसके बाद इसमें मिलीभगत करते हुए स्थायी कनेक्शन जारी कर दिया गया। वहीं मेेहताबबाग की ही सबा खान के नाम अस्थायी कनेक्शन नंबर 288 दिया गया और फिर मिलीभगत करके स्थायी कर दिया गया।
टीसी नंबर 314 पर मुर्तजा अली खान और सल्तनत फातिमा के नाम जारी किया गया। यहां भी मिलीभगत करते हुए बिल फुल एंड फाइनल कम पैसों में कर दिया गया। इसके बाद अभियंता यहीं नहीं रुके, चौक खंड से पोषित विक्टोरिया बिजली उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले टीसी संख्या 262 पर तनवीर फातिमा, टीसी संख्या 275 सुमन वर्मा, टीसी संख्या 276 किसान दास, टीसी संख्या 347 पर हरदेव सिंह, टीसी संख्या 348 पर सैय्यद अहमद पुत्र स्व. रइस अहमद यहियागंज और टीसी संख्या 349 हैदर के नाम जारी किए गए और फिर पूरा पैसा न जमा कराकर कुछ जमा कराया गया और कनेक्शन खत्म कर दिए गए और नए सिरे से जारी कर दिए गए।
चौक खंड में कार्यरत कर्मियों ने बताया कि वर्ष 2011 से अब तक जो भी कनेक्शन हुए हैं, उनकी जांच कराई जाए तो करोड़ों रुपये का हेरफेर हुआ, अस्थायी कनेक्शन, लोड कम स्वीकृत कराने और बिलिंग में खेल होता रहा है। वर्तमान में यहां अधिशासी अभियंता का पद पिछले कई महीनों से खाली चल रहा है। मीटर सेक्शन के अधिशासी अभियंता एम आलम को मीटर सेक्शन के अलावा अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।