All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

देश में ईंधन की मांग मार्च में चार प्रतिशत बढ़कर तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंची

Fuel Demand: देश में ईंधन की मांग मार्च में चार प्रतिशत बढ़कर तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. विमान ईंधन एटीएफ की मांग 35 प्रतिशत बढ़कर 50 लाख टन हो गई लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से काफी कम है.

Petrol and diesel demand: पेट्रोल एवं डीजल की खपत महामारी-पूर्व स्तर (Pre Covid-level) पर पहुंचने के बीच मार्च में देश की ईंधन मांग 4.2 प्रतिशत बढ़कर तीन साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई.

ये भी पढ़ें मई में होगा Davos शिखर सम्मेलन, करीब 300 प्रतिनिधि होंगे शामिल; भारत से 100 लोग होंगे शामिल

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2022 में पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत 1.94 करोड़ टन रही, जो मार्च, 2019 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. 

इन आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के असर से अर्थव्यवस्था के उबरने के बीच परिवहन ईंधन की मांग मार्च में बढ़ गई.

देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल का कुल ईंधन खपत में हिस्सा 40 फीसदी रहा. मार्च में डीजल की मांग 6.7 प्रतिशत बढ़कर 77 लाख टन पर पहुंच गई. वहीं पेट्रोल की खपत 6.1 प्रतिशत बढ़कर 29.1 लाख टन रही.

खास बात यह है कि पेट्रोल एवं डीजल दोनों ही ईंधनों की मांग मार्च में महामारी-पूर्व स्तर को पार कर गई. डीजल की मांग कृषि कार्यों के कारण बढ़ी जबकि पेट्रोल की मांग बढ़ने की एक वजह कीमतों में वृद्धि की आशंका रही.

खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी की मांग मार्च में 9.8 प्रतिशत बढ़कर 24.8 लाख टन हो गई.

अगर समूचे वित्त वर्ष की बात करें तो वर्ष 2021-22 में ईंधन की मांग 4.3 प्रतिशत बढ़कर 20.27 करोड़ टन पर पहुंच गई जो वर्ष 2019-20 के बाद का उच्चस्तर है.

इस दौरान वाहन ईंधन एवं रसोई गैस की खपत बढ़ी जबकि औद्योगिक ईंधन की खपत में गिरावट दर्ज की गई. पेट्रोल की खपत 10.3 प्रतिशत बढ़कर 3.08 करोड़ टन हो गई जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. वहीं डीजल की बिक्री 5.4 प्रतिशत बढ़कर 7.67 करोड़ टन हो गई.

ये भी पढ़ेंसभी बैंकों के ATM पर UPI से कार्डलेस नगद निकासी जल्द, जानें- इससे आपको क्या होगा फायदा?

विमान ईंधन एटीएफ की मांग 35 प्रतिशत बढ़कर 50 लाख टन हो गई लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से काफी कम है. इसकी वजह यह है कि देश में विमानन सेवाएं पूरी तरह से वित्त वर्ष 2021-22 के आखिर में ही बहाल हुईं.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कारखानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन नाफ्था और सड़क निर्माण में लगने वाले बिटुमेन की खपत क्रमशः 1.42 करोड़ टन और 77 लाख टन रही.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top